आईएमए के सचिव ने जड़े आरोप,कहा-सरकार और डीएम की नाकामी से कोरोना बेकाबू


इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने राज्य सरकार और जिलाधिकारी देहरादून पर कोरोना से निपटने में पूरी तरह नाकाम रहने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अपनी असफलता छुपाने के लिए प्राइवेट लैब को निशाना बनाया जा रहा है। यही वजह है कि सही रिपोर्ट देने के बावजूद झूठे आरोप लगाकर प्राइवेट पैथोलॉजी लैब के खिलाफ कार्रवाई की गई।



पत्रकारों से बातचीत करते हुए आईएमए के प्रदेश सचिव डॉ. डीडी चौधरी ने कहा कि जिन प्राइवेट लैब के खिलाफ कार्रवाई की गई, वो सभी एनएबीएल प्रमाणित हैं। जिस दून अस्पताल की लैब की रिपोर्ट को सही माना जा रहा है, उसके पास एनएबीएल का प्रमाणीकरण तक नहीं है।
आईएमए शुरुआत से ही कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार का साथ दे रहा है, लेकिन इसके बदले में उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रशासनिक रूप से डीएम पूरी तरह फेल हुए हैं।


नाकामी छुपाने के लिए उन्होंने प्राइवेट लैब के खिलाफ मोर्चा खोला
कहा कि अब अपनी नाकामी छुपाने के लिए उन्होंने प्राइवेट लैब के खिलाफ मोर्चा खोला है। आहूजा पैथोलॉजी लैब के खिलाफ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने के आरोप में कार्रवाई की गई, जबकि लैब के अंदर सभी नियमों का पालन किया जा रहा था।


बाहर सड़क पर अगर भीड़ जुट रही है तो इसकी व्यवस्था जिला प्रशासन को बनानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि सरकार और डीएम के इस रवैये के खिलाफ आईएमए अपना विरोध दर्ज कराएगा।


प्राइवेट लैब के खिलाफ उत्पीड़न की कार्रवाई बंद नहीं हुई तो वह कोरोना टेस्ट नहीं करेंगे। साथ ही उन्होंने प्रैक्टिस बंद करने की भी चेतावनी दी। इस मौके पर प्रदेश कोषाध्यक्ष डॉ. संजय उप्रेती और दून शाखा के कोषाध्यक्ष डॉ. विजय त्यागी भी मौजूद रहे।


Source: Amar ujala





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