भारत के खिलाफ चीन की नई चाल, भारतीय सैटेलाइट को बना रहा निशाना


अमेरिकी रिपोर्ट की माने तो 2007 से लेकर अबतक चीन ने भारतीय सैटेलाइट्स कम्‍युनिकेशंस पर कई बार साइबर अटैक किया है। अमेरिका के चीन एयरोस्‍पेस स्‍टडीज इंस्टिट्यूट के जारी रिपोर्ट के अनुसार 2007 से लेकर अबतक चीन ने भारतीय सैटेलाइट्स कम्‍युनिकेशंस पर कई बार साइबर अटैक किया है।



ऐसे वक्त में जब बॉर्डर पर रोज चीन की नई चालबाजियां सामने आ रही हैं। अमेरिकी रिपोर्ट के दावे से इस बात का साफ अंदाजा हो गया है कि चीन सामने भले ही शांति और समझौते की बात करे लेकिन पीछे से उसकी साजिशें लगातार जारी है। अमेरिका से एक नई रिपोर्ट के अनुसार चीन सिर्फ भारत की जमीन ही नहीं, उसके सैटेलाइट्स को भी निशाना बनाना चाहता है। अमेरिकी रिपोर्ट की माने तो 2007 से लेकर अबतक चीन ने भारतीय सैटेलाइट्स कम्‍युनिकेशंस पर कई बार साइबर अटैक किया है। 




अमेरिका के चीन एयरोस्‍पेस स्‍टडीज इंस्टिट्यूट के जारी रिपोर्ट के अनुसार 2007 से लेकर अबतक चीन ने भारतीय सैटेलाइट्स कम्‍युनिकेशंस पर कई बार साइबर अटैक किया है। 2012 में जेट प्रपल्शोन लैबारेटरी (जेपीएल)पर चीनी नेटवर्क बेस्ड कम्प्यूटर  हमले को लेकर 142 पन्‍नों की रिपोर्ट कहती है कि इससे हैकर्स को जेपीएल नेटवर्क्सी पर पूरा कंट्रोल हासिल हो गया था। रिपोर्ट ने हमलों के जिक्र में कई स्त्रोतों का जिक्र किया है। 



 


भरत के पास एंटी सैटेलाइट तकनीक


भारत ने अंतरिक्ष में किसी दुश्‍मन से निपटने के लिए जरूरी ऐंटी-सैटेलाइट मिसाइल तकनीक पिछले साल हासिल कर ली थी। अब दुश्‍मन देश के सैटेलाइट्स को नष्‍ट करने की क्षमता भारत के पास है। हालांकि चीन एयरोस्‍पेस स्‍टडीज इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट बताती है कि चीन के पास बहुत सारी काउंटर-स्‍पेस तकनीकें हैं जो दुश्‍मन के अंतरिक्ष उपकरणों को जमीन से लेकर जियोसिंक्रोनस ऑर्बिट तक निशाना बना सकती हैं। इनमें भी एंटी-सैटेलाइट मिसाइल, को-ऑर्बिटल सैटेलाइट्स, डायरेक्‍टेड एनर्जी वेपंस, जैमर्स और साइबर क्षमताएं शामिल हैं।



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