भारत की ‘रक्षा रफ्तार’ को दुनिया करेगी ‘नमस्कार’, हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में बड़ी छलांग


नई दिल्‍ली / हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमन्स्ट्रेटर व्हीकल के सफल परीक्षण ने भारतीय रक्षा प्रणाली को ऐसी रफ्तार प्रदान की है, जिसकी बराबरी दुनिया के महज तीन देश कर सकते हैं। अमेरिका, रूस व चीन के बाद अपने दम पर हाइपरसोनिक तकनीक विकसित करके भारत ने आधुनिक रक्षा प्रणाली के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाई है।


क्या है एचएसटीडीवी? : हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमन्स्ट्रेटर व्हीकल (एचएसटीडीवी) स्क्रैमजेट एयरक्राफ्ट या इंजन है, जो अपने साथ लॉन्ग रेंज व हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को ले जा सकता है। इसकी रफ्तार ध्वनि से छह गुना ज्यादा है। यानी, यह दुनिया के किसी भी कोने में स्थित दुश्मन के ठिकाने को महज कुछ ही देर में निशाना बना सकता है। इसकी रफ्तार इतनी तेज है कि दुश्मन को इसे इंटरसेप्ट करने और कार्रवाई का मौका भी नहीं मिलता। एचएसटीडीवी के सफल परीक्षण से भारत को उन्नत तकनीक वाली हाइपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस-2 की तैयारी में मदद मिलेगी। इसका विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा रूस की अंतरिक्ष एजेंसी कर रही है।


Source: Agency news


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