यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर - आशारोड़ी में अब नहीं होगी पेड कोरोना जांच, यात्रियों ने किया था विरोध

 












भले ही प्रदेश में बार्डर पर ही कोरोना जांच के लिए पेड व्यवस्था शुरू कर दी गई हो, लेकिन इसकी शुरुआत से विरोध होना शुरू हो गया है। बुधवार की सुबह प्रशासनिक टीम को आशारोड़ी चेकपोस्ट के समीप राज्य कर परिसर में पेड व्यवस्था का विरोध झेलना पड़ा। बार्डर में नाम-पते दर्ज कराने वाले लोगों ने बिना लक्षण के कोरोना जांच कराने से इनकार कर दिया।


टीम सिर्फ दो ही लोगों के सैंपल ले सकी थी,लेकिन विरोध के चलते सरकारी व्यवस्था के तहत निशुल्क कोरोना जांच की गई। हालांकि जिलाधिकारी ने कहा है कि गुरुवार से पेड कोरोना जांच ही की जाएगी। बुधवार की सुबह दस बजे तहसीलदार जसपाल राणा के नेतृत्व में टीम यहां पहुंची थी। चिकित्सकों की टीम ने राज्य कर कार्यालय परिसर में निजी लेबोरेटरी के कर्मचारियों को कोरोना जांच के बाबत प्रशिक्षण दिया।  


साथ ही बार्डर पर पहुंचे लोगों को बताया कि कोरोना जांच कराने के बदले पेड व्यवस्था के तहत 2400 रुपये का भुगतान करना होगा। दो लोगों ने 2400 रुपये का भुगतान कर दिया, लेकिन बाद में हंगामा हो गया। लोगों ने प्रशासनिक टीम को कहा कि उन्हें कोई लक्षण नहीं है, ऐसे में वह जांच क्यों कराएं। कहा कि उनके साथ कार में चार लोग मौजूद थे और जांच के बदले 9600 रुपये कहां से देंगे।


कुछ लोगों ने उनके पास टेस्ट के लिए रुपये होने से इनकार कर दिया। विरोध को देखते हुए  प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा और पुरानी व्यवस्था के तहत निशुल्क ही कोरोना जांच कराकर लोगों को रवाना किया गया।


आशारोड़ी में बुधवार को सरकार की फ्री लैब भी चल रही थी। ऐसे में पेड लैब से टेस्ट कराने का लोगों ने विरोध किया। गुरुवार से सरकारी लैब हटा दी जाएगी। पेड लैब ही बचेगी तो लोगों को उससे ही टेस्ट कराना होगा।      
डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव, जिलाधिकारी



कोरोना जांच में पेड व्यवस्था का लोगों ने विरोध किया जिस पर पुलिस ने लोगों को समझाया और कोरोना के प्रति जागरूक भी किया। प्रशासनिक टीम मौके पर मौजूद थी। 
नरोत्तम बिष्ट, एसओ, क्लेमनटाउन 
 













Source: hindustan samachar


 




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