हर महीने दिसंबर तक सरकार लेगी एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज


कोरोना के कारण उपजे आर्थिक दबाव से निपटने के लिए प्रदेश सरकार दिसंबर तक हर महीने एक-एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज बाजार से उठाएगी। सरकार ने इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक से भी आग्रह किया है। इतने कर्ज के बावजूद सरकार का वित्त विभाग इसे अत्यधिक नहीं बता रहा। 


प्रदेश सरकार अभी तक बाजार से करीब 2100 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। कारोना काल में कर्मचारियों के वेतन में कमी के बावजूद सरकार को हर माह बाजार से कर्ज भी लेना पड़ रहा है।
इसी के तहत अब प्रदेश सरकार ने आने वाले प्रत्येक माह में दो बार रिजर्व बैंक की ओर से आयोजित नीलामी में भाग लेना स्वीकार किया है। वित्त विभाग के मुताबिक रिजर्व बैंक को इसकी जानकारी दे दी गई है। तय है कि अगले तीन माह में प्रदेश सरकार बाजार से करीब 3000 हजार करोड़ रुपयेे कर्ज उठाएगी। 
केंद्र का मिला सहारा, एक साथ कई मोर्चो पर है राहत
जीएसटी की प्रतिपूर्ति के लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र की ओर से प्रस्तावित पहले विकल्प को स्वीकार किया है। जीएसटी परिषद की सोमवार को हुई बैठक में राज्यों को बाजार से 97 हजार करोड़ की बजाय 1.10 लाख करोड़ रुपये की बाजार उधारी एक खास व्यवस्था के तहत लेने की अनुमति दी गई है। इस विकल्प के तहत लिए गए लोन पर राज्य सरकार को मूलधन और ब्याज नहीं भरना होगा। इसके साथ ही केंद्र से कैंपा और अन्य केंद्रीय अनुदान में इजाफा होने का भी राज्य को फायदा मिला है। 


अधिक बाजार उधारी से बचने की भी कोशिश 
बजट में प्रदेश सरकार ने करीब दस हजार करोड़ की बाजार उधारी का अनुमान लगाया था। केंद्र की ओर से बाजार उधारी की सीमा दो प्रतिशत बढ़ा दी गई है। इससे राज्य सशर्त करीब 4600 करोड़ रुपये अधिक कर्ज बाजार से उठा सकता है। इतना होने पर भी अधिक बाजार उधारी से बचने की भी कोशिश है। वित्त विभाग का मानना है कि शायद ही प्रदेश को दस हजार करोड़ रुपये से अधिक की बाजार उधारी की जरूरत पड़े। 


बाजार से कर्ज के लिए हमारे पास पर्याप्त स्पेस मौजूद है। केंद्र सरकार को राज्य की ओर से पहला विकल्प दिया ही जा चुका है। जीएसटी परिषद की ओर से इस विकल्प में 97 हजार करोड़ रुपये की सीमा को बढ़ाकर 1.10 लाख करोड़ रुपये किया गया है। इससे हमें करीब 200 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिल सकते हैं। इतना जरूर है कि अधिक बाजार उधारी के पक्ष में राज्य नहीं है और न ही अभी इसकी जरूरत महसूस हो रही है। 
-अमित नेगी, सचिव वित्त


Source: Agency News


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