साइकिल घोटालाः प्रदेश में दोबारा शुरू हुई जांच, 80 साल की महिला तक को बांट दी थी साइकिल
श्रम विभाग की साइकिलें आम आदमी पार्टी ‘आप’ की टोपी पहने लोगों द्वारा बांटने के मामले की जांच जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है। डीएम डॉ.आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि शासन से मिले निर्देशों के आधार पर श्रम विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है। मालूम हो कि दून में भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की साइकिलें गैर श्रमिकों को बांटने के मामले का खुलासा आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने किया था।
इस मामले में साइकिलें श्रमिक कार्ड की बजाय सिर्फ आधार कार्ड पर लोगों को दे दी गईं। जो साइकिलें लोगों को दी गईं, उन पर सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का लोगो भी लगा था। पूर्व में श्रम विभाग ने इस मामले की जांच की थी जिसे शासन में खारिज कर दिया।
अब देहरादून के डीएम को इस मामले की जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है। डीएम ने बताया कि विभाग से बीते वर्षों में बांटी साइकिलों व पात्रों की संख्या मांगी है। इसका सहायक श्रमायुक्त कार्यालयवार वितरण और पात्रों की संख्या से मिलान किया जाएगा। जो भी गड़बड़ी मिलेगी, उसकी रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी।
80 साल की महिला तक को बांट दी साइकिल
देहरादून | उत्तराखंड भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के कामकाज पर 2017 से ही सवाल उठ रहे थे। लेकिन हाल में हुए साइकिल विवाद से बोर्ड की जमकर किरकिरी हुई। बोर्ड का लोगो लगी हुईं साइकिलें आप कार्यकर्ताओं तक कैसे पहुंचीं और बिना बोर्ड और श्रम विभाग की जानकारी के उन्हें कैसे बांट दिया गया, इस पर बड़ा विवाद हुआ। विवाद इस कदर बढ़ा कि इसकी जांच पहले श्रम विभाग और अब देहरादून के डीएम को सौंपी गई है।
आपके अपने ‘हिन्दुस्तान’ ने 23 सितंबर के अंक में विस्तार से बताया था कि कैंट विधानसभा के गांधी ग्राम क्षेत्र में बोर्ड का लोगो लगी साइकिलें ऐसे लोगों को बांट दी गईं, जो श्रमिक ही नहीं थे। कहीं आधार कार्ड तो किसी को वोटर कार्ड पर साइकिल बांट दी गई। एक ही परिवार में चार लोगों तक को साइकिल दी गई। 12 साल के बच्चे से लेकर 80 साल की बुजुर्ग महिला तक को साइकिल मिली।
सब्जी वाले से लेकर मिठाई, जनरल मर्चेंट, शोरुम में काम करने वालों तक को साइकिल दी गई। जबकि ये सामान सिर्फ भवन निर्माण से जुड़े श्रमिकों को ही दिया जा सकता है। इस गोलमाल की शिकायत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत तक स्थानीय विधायक हरबंस कपूर ने पहुंचाई। सीएम ने श्रम मंत्री हरक सिंह को मामले की जांच के निर्देश दिए।
सचिव श्रम ने बोर्ड सचिव से रिपोर्ट तलब की। इस पर मामले की जांच लेबर इंस्पेक्टर पिंकी टम्टा से कराई गई। हालांकि इस जांच से शासन संतुष्ट नहीं हुआ। इसके बाद सचिव श्रम हरबंस सिंह चुघ ने जांच डीएम देहरादून को सौंप दी।
Source:hindustan Smachar
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