सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट की जांच शुरू,अब नहीं बच पाऐंगे सूर्यधार बांध परियोजना में धांधली के आरोपी
सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट सूर्यधार बांध परियोजना में धांधली की प्रारंभिक पुष्टि होने पर सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने जांच के आदेश दे दिए हैं। आरोप है कि अधिकारियों ने मनमाने तरीके से बांध की ऊंचाई भी बढ़ाई और शिड्यूल रेट से कहीं ज्यादा पर निर्माण कार्य करवाए हैं।
सिंचाई मंत्री ने जांच में पाया है कि बैराज निर्माण में शिड्यूल ऑफ रेट (एसओआर) से 20 प्रतिशत अधिक दर पर सिविल कार्य कराए गये। इसी कांट्रेक्ट की दर से ही अतिरिक्त कार्य भी कराए गये।
इस वजह से बांध के लिए मंजूर बजट से 12 करोड़ रुपये का अधिक खर्च हुआ है। इस योजना के लिए 50.24 करोड़ रुपये तय किए गए थे। जबकि अब तक इस पर 62 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।
स्वीकृत बजट से 12 करोड़ रुपये ज्यादा खर्च करना सीधा सीधा सरकारी धन का दुरुपयोग है। मालूम हो कि महाराज ने 27 अगस्त 2020 को सूर्यधार बांध परियोजना का मुआयना किया था।
उस दौरान अनियमितता पाए जाने पर उन्होंने जांच कराने की बात कही थी। विभाग से मिली रिपोर्ट की समीक्षा में मंत्री ने कई गड़बड़ियां पाने पर आज उन्होंने जांच के आदेश दे दिए।
ये हैं सवाल
- डीपीआर उपलब्ध होने पर बांध की ऊंचाई आठ से बढ़ाकर दस मीटर करने का निर्णय हुआ। छह सितंबर 2018 को आईआईटी अहमदाबाद से वेट और आईआरआई से अध्ययन के बावजूद टेंडर को संशोधित कर दोबारा कांट्रेक्ट क्यों नहीं किया गया?
- विभागीय कार्यों को कराए जाने का आधार एसओआर होता है। बाजार की दरों को कैसे एवं क्यों सम्मिलित किया?
- जिस समिति की रिपोर्ट के आधार पर ऊंचाई को बढ़ाने का दावा किया जा रहा है, उसने ऊंचाई बढ़ाने की कहीं सिफारिश नहीं की।
- कंपनी से कांट्रेक्ट के बाद तकनीकी सलाहकार ने 11 जून 2019 को अतिरिक्त कार्य कराने की सलाह दी। यह कांट्रेक्ट से पहले क्यों नहीं ली?
- सलाहकार को नियुक्त करने के लिए किसकी अनुमति ली गई और उसकी सलाह मानने से पहले शासन से अनुमति क्यों नहीं ली गई?
सूर्यधार बांध प्रोजेक्ट
सूर्यधार बांध प्रोजेक्ट से भोगपुर, घमंडपुर और लिस्ट्राबाद के 18 गांव की 1287 हेक्टेयर भूमि पर पूरे साल पर्याप्त सिंचाई हो सकेगी। इस झील के निर्माण से लगभग 33 हजार 500 लोगों को पेयजल मिलेगा।
सूर्यधार बांध सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसलिए इसके निर्माण में किसी भी तरह की लापरवाही और अनियमितता बर्दाश्त नहीं होगी। इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
सतपाल महाराज, सिंचाई एवं पर्यटन मंत्री
Source:hindustan samachar
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