वन विकास निगम कर्मियों ने थाली बजाकर किया प्रदर्शन
देहरादून में वन विकास निगम के खिलाफ कार्मिकों का आंदोलन जारी है। उनका आरोप है कि ऑडिट आपत्तियों के निस्तारण के नाम पर उत्पीड़न किया जा रहा है। कार्मिकों ने मीडिया के माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की।
देहरादून / राजधानी देहरादून में वन विकास निगम के खिलाफ कार्मिकों का आंदोलन जारी है। उनका आरोप है कि ऑडिट आपत्तियों के निस्तारण के नाम पर उत्पीड़न किया जा रहा है। कार्मिकों ने मीडिया के माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की। उन्होंने प्रेस क्लब के बाहर थाली बजाकर वन निगम प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। आंदोलन की शुरुआत गुरुवार को वन मंत्री के आवास के बाहर ढोल और थाली बजाकर की गई थी।
वन विकास निगम कार्मिक संयुक्त मंच के बैनर तले पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को बड़ी संख्या में कार्मिक लैंसडौन चौक पहुंचे। यहां उन्होंने ढोल और थाली बजाकर निगम प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदेश सरकार को संबोधित ज्ञापन में कार्मिकों ने कहा कि गत वर्षों से ऑडिट आपत्तियों के नाम पर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है, जबकि ऑपत्तियों का निस्तारण कंप्लाइंस रिपोर्ट भेजने के बाद किया जाना था।
उनका कहना है कि इस मामले में उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश का पालन भी नहीं किया जा रहा है। ऑडिट आपत्तियों के निस्तारण को लेकर न्यायालय को भ्रमित करने के लिए झूठे शपथ पत्र भी दिए जा रहे हैं। दूसरी ओर वन विकास निगम प्रबंधन की ओर से ऑडिट में भ्रष्टाचार के तहत खरीदारी, छह महीने में एक भी अधिकारी को पदोन्नति नहीं देना, करोड़ों रुपये की मालहानि को दबाना आदि मामले प्रबंधन की मंशा पर सवाल खड़े करते हैं।
वन विकास निगम के कार्मिकों ने मीडिया से उनकी मांगें सरकार तक पहुंचाने की गुहार लगाई है। आपको बता दें कि प्रदर्शन में घनश्याम कश्यप, पूरन रावत, दिगपाल बड़थ्वाल, दिवाकर शाही, ब्रह्मदेव यादव, राजेंद्र पंवार, राजेंद्र भट्ट, स्वराज राणा, प्रेम सिह पंवार, हरीश ध्यानी, गजेंद्र्र राणा आदि शामिल रहे।
देहरादून में वन विकास निगम के खिलाफ कार्मिकों का आंदोलन जारी है। उनका आरोप है कि ऑडिट आपत्तियों के निस्तारण के नाम पर उत्पीड़न किया जा रहा है। कार्मिकों ने मीडिया के माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की।
देहरादून, जेएनएन। राजधानी देहरादून में वन विकास निगम के खिलाफ कार्मिकों का आंदोलन जारी है। उनका आरोप है कि ऑडिट आपत्तियों के निस्तारण के नाम पर उत्पीड़न किया जा रहा है। कार्मिकों ने मीडिया के माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की। उन्होंने प्रेस क्लब के बाहर थाली बजाकर वन निगम प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। आंदोलन की शुरुआत गुरुवार को वन मंत्री के आवास के बाहर ढोल और थाली बजाकर की गई थी।
वन विकास निगम कार्मिक संयुक्त मंच के बैनर तले पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को बड़ी संख्या में कार्मिक लैंसडौन चौक पहुंचे। यहां उन्होंने ढोल और थाली बजाकर निगम प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदेश सरकार को संबोधित ज्ञापन में कार्मिकों ने कहा कि गत वर्षों से ऑडिट आपत्तियों के नाम पर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है, जबकि ऑपत्तियों का निस्तारण कंप्लाइंस रिपोर्ट भेजने के बाद किया जाना था।
उनका कहना है कि इस मामले में उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश का पालन भी नहीं किया जा रहा है। ऑडिट आपत्तियों के निस्तारण को लेकर न्यायालय को भ्रमित करने के लिए झूठे शपथ पत्र भी दिए जा रहे हैं। दूसरी ओर वन विकास निगम प्रबंधन की ओर से ऑडिट में भ्रष्टाचार के तहत खरीदारी, छह महीने में एक भी अधिकारी को पदोन्नति नहीं देना, करोड़ों रुपये की मालहानि को दबाना आदि मामले प्रबंधन की मंशा पर सवाल खड़े करते हैं। वन विकास निगम के कार्मिकों ने मीडिया से उनकी मांगें सरकार तक पहुंचाने की गुहार लगाई है। आपको बता दें कि प्रदर्शन में घनश्याम कश्यप, पूरन रावत, दिगपाल बड़थ्वाल, दिवाकर शाही, ब्रह्मदेव यादव, राजेंद्र पंवार, राजेंद्र भट्ट, स्वराज राणा, प्रेम सिह पंवार, हरीश ध्यानी, गजेंद्र्र राणा आदि शामिल रहे।
Source:Agency News
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