देहरादून और हरिद्वार में नदियों, घाटों और नहरों पर पूजा की अनुमति नहीं, एसओपी जारी


 


कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए इस बार छठ पर्व घरों में रहकर ही मनाना होगा। देहरादून और हरिद्वार जिला प्रशासन ने इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। देहरादून में अपर जिला मजिस्ट्रेट (वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल की ओर से जारी आदेश में बताया गया कि वर्तमान में कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़ी है।


जिस कारण कोरोना के बढ़ते प्रकरणों को देखते हुए नदियों, घाटों और नहरों में सामूहिक सूर्य अर्घ्य पूजन की अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे में सभी श्रद्धालुओं को अपने-अपने घरों में ही रहकर उचित दूरी बनाते हुए सूर्य अर्घ्य, पूजन का कार्यक्रम संपन्न करना होगा। प्रशासन की ओर से कोरोना से बचाव के लिए मानक प्रचालन विधि (एसओपी) जारी की गई है।


यह एसओपी रहेगी लागू
- सभी श्रद्घालु नदी किनारे घाटों, नहरों या सार्वजनिक स्थानों पर छठ पर्व का आयोजन करने के बजाय अपने-अपने घरों में पूजन एवं अर्घ्य देंगे।
- सभी श्रद्धालुओं को कोविड-19 से बचाव के लिए दो गज की दूरी बनाए रखना आवश्यक है।
- इस दौरान सभी श्रद्धालुओं को मास्क पहनना अनिवार्य है।
- कंटेनमेंट जोन में छठ पूजा का आयोजन पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा।
- सभी श्रद्धालु छठ पूजा के कार्यक्रम के दौरान अधिक संख्या में घरों में एकत्र न हों।
- 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों का छठ पूजा के कार्यक्रम के दौरान विशेष ध्यान रखा जाए।
- 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का स्वास्थ्य हित में इस कार्यक्रम से दूरी बनाए रखना उचित होगा।
- समय-समय पर केंद्र सरकार, राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजेशन और मास्क का प्रयोग आदि शामिल है।
आज 36 घंटे का निर्जला उपवास रखेंगे व्रती
लोक आस्था का महापर्व चार दिवसीय छठ पूजा नहाय-खाय के साथ बुधवार से शुरू हो गया है। जिसके बाद सुबह से ही श्रद्धालुओं ने घर की साफ-सफाई कर विशेष पूजा अर्चना की। हालांकि कोरोना के चलते शहर में कोई बड़े कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जा रहे हैं। 


छठ पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाता है। बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तरप्रदेश समेत उत्तराखंड में भी हर साल छठ पर्व की खूब रौनक रहती है। बुधवार को भी पूजन सामग्री की खरीदारी करने के साथ छठ के मौके पर कपड़ा बाजार में भी खूब रौनक हो रही है। उधर, जिला प्रशासन की ओर से छठ के मौके पर कोई बड़ा आयोजन न करने के आदेश दिए गए हैं। हालांकि कुछ लोग पहले ही घाट तैयार कर चुके थे। आदेश के बाद उन्हें ये घाट हटाने पड़े।


आज निर्जला उपवास कर कल सूर्य को अर्घ्य देंगे व्रती
छठ पर्व के दूसरे दिन यानि आज (बृहस्पतिवार) व्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास कर अगले दिन (शुक्रवार) सूर्य को अर्घ्य देंगे। छठ पर्व के दूसरे दिन खरना और लोहंडा मनाया जाता है। ज्योतिषाचार्य डॉ. आचार्य सुशांत राज ने बताया कि इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखते हैं। शाम को चावल गुड़ और गन्ने के रस से बनी खीर को खाकर व्रती अपना व्रत पूरा करते हैं।


घर पर सूर्य को अर्घ्य देंगे श्रद्धालु
प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन के बाद श्रद्धालु नदियों, घाटों के बजाय घर पर पूजा-अर्चना कर सूर्य को अर्घ्य देंगे। इस संबंध में उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में रहने वाले पूर्वी यूपी, बिहार, झारखंड व बंगाल के प्रवासियों का संगठन पूर्वा सांस्कृतिक मंच पहले से ही लोगों से अपील कर रहा है।


छठ पूजा के मौके पर हर साल मंच की ओर से उत्तराखंड समेत विभिन्न राज्यों में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। लेकिन प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन के बाद मंच ने इस साल सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन न करने का फैसला लिया है। मंच के महासचिव सुभाष झा ने बताया कि इस संबंध में सभी छठ घाटों के प्रभारी, छठ घाटों पर हिस्सा लेने वाले चिकित्सकों की निगरानी में चिकित्सीय टीम समेत सभी श्रद्धालुओं को सूचित कर दिया गया है। 


 


Sources:Agency News


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