होम आइसोलेशन में मरीज उड़ा रहे प्रोटोकॉल की धज्जियां


मिली जानकारी के मुताबिक अलग-अलग इलाकों में फैले सिविल डिफेंस के लोग 58 लाख दिल्लीवासियों को कवर करेंगे। वहीं अगर हम आबादी के हिसाब से देखें तो यह सर्वे दिल्ली की एक चौथाई आबादी पर कराया जा रहा है।



 


नयी दिल्ली /  दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के लगातार तेजी से बढ़ रहे मामलों को ध्यान में रखते हुए मास्क न पहनने वालों पर जुर्माने की राशि बढ़ाकर 500 रुपए से 2000 रुपए कर दी गई है। इसके बावजूद कई तरह की लापरवाहियों की खबरें सामने आ रही हैं। जिसके बाद दिल्ली सरकार और गृह विभाग के बीच आपसी सहमति के बाद यहां पर अब तक का सबसे बड़ा सर्वे कराया जा रहा है। 



 


मिली जानकारी के मुताबिक अलग-अलग इलाकों में फैले सिविल डिफेंस के लोग 58 लाख दिल्लीवासियों को कवर करेंगे। वहीं अगर हम आबादी के हिसाब से देखें तो यह सर्वे दिल्ली की एक चौथाई आबादी पर कराया जा रहा है। इसकी शुरुआत शुक्रवार से हो चुकी है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी आखिर क्यों फैल रही है ? इसकी वजह सामने आई है। दरअसल, कोरोना मरीज आइसोलेशन के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।


रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम 10 ऐसे कोरोना मरीज मिले जो होम आइसोलेशन में रहने के बावजूद अपने घर में नहीं थे। एक मरीज घूमने गया था तो दूसरा मार्केट से दूध लाने। द्वारका सेक्टर 18 में रह रहे एक व्यक्ति ने होम आइसोलेशन में 7 दिन व्यतीत करने के बाद अपने गुरुग्राम स्थित कार्यालय पहुंचा। वहीं, पालम का एक मरीज नियमित रूप से पार्क जाता रहा। वो भी ऐसी स्थिति में जब उसकी पत्नी और बच्चा दोनों की कोविड पॉजिटिव निकले। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के बेटे ने जानकारी दी कि वह बाजार गया था। 


सिविल डिफेंस के अतिरिक्त मुख्य वार्डन विनोद भारद्वाज ने बताया कि पालम में रहने वाली एक महिला के बच्चों ने सर्वे टीम को जानकारी दी कि उनकी मां, जो कोरोना मरीज हैं वह दूध खरीदने के लिए बाजार गई थीं।


सिविल डिफेंस और आसा के कार्यकर्ता कंटेनमेंट जोन और सुपर स्प्रेड इलाकों में घर-घर जाकर सर्वे कर रहे हैं और लोगों को कोरोना के प्रति जागरुकता और उनका व्यवहार कैसा होना चाहिए, इसकी भी जानकारी दे रहे हैं। सिविल डिफेंस की टीम ऐसे इलाकों में रहने वालों लोगों का तापमान मापने के साथ ही उसका ऑक्सीजन लेवल की भी जांच कर रही है और यदि किसी व्यक्ति में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई दिए तो उसे आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए रिफर कर दिया जाता है। 


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सर्वे टीम ने जानकारी दी कि बिंदापुर में हम जब कोरोना पॉजिटिव मरीज के घर गए तो वहां पर ताला लगा हुआ था। पड़ोसियों से जानकारी मिली कि पूरा परिवार कुछ पहले ही कहीं चला गया है। वहीं, जनकपुरी का 30 वर्षीय कोरोना मरीज लापता है। व्यक्ति ने होम आइसोलेशन के लिए अपने जिस घर का पता दिया था वह वहां नहीं मिला और हमें बताया गया कि यह घर उनके पिता का है और वह नोएडा में रहते हैं।


सर्वे टीम ने बताया कि कोरोना मरीज ने उन्हें इस बारे में सूचित नहीं किया। हम उनके घर का पता तलाश रहे हैं ताकि नोएडा जिला मेडिकल टीम के अधिकारियों को इस व्यक्ति की जानकारी दी जा सकें। 


दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि हो सकता है कि होम आइसोलेशन में गए मरीजों के घरों के बाहर पोस्टर न लगाना उन्हें बाहर निकलने के लिए प्रेरित किया हो। दिल्ली सरकार के विशेषज्ञ पैनल में शामिल डॉ महेश वर्मा ने बताया कि पोस्टरों के फैसले ने कोविड मरीजों से जुड़े कलंक को हटा दिया है और सरकार हर घर के बाहर पुलिस तैनात नहीं कर सकती है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि लोगों को सावधान रहना चाहिए और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। क्योंकि वह अपने साथ-साथ दूसरे के स्वास्थ्य को भी परेशानी में डाल सकते हैं।


 


Sources:Agency News



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