बीजेपी और सपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया MLC चुनाव
यूपी में एमएलसी की 11 सीटों के लिए आज वोट पड़ रहे हैं। सुबह आठ बजे शुरू हुआ मतदान शाम पांच बजे तक चलेगा। इनमें से छह सीटें शिक्षक और पांच स्नातक कोर्ट की हैं। भाजपा, सपा, कांग्रेस, शिक्षक संघों और निर्दलीयों सहित कुल 199 प्रत्याशी मैदान में हैं। सबने इन चुनावों में अपनी ताकत झोंकी है। सत्ताधारी भाजपा इस चुनाव में उच्च सदन में बहुमत पाने के लिए जोर लगाए हुए हैं। अभी तक विधानपरिषद में उसके पास बहुमत नहीं है।
भाजपा ने इस बार स्नातक निर्वाचन खंड की सभी पांच सीटों और शिक्षक निर्वाचन खंड की छह में से चार सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। स्नातक निर्वाचन खंड की एक सीट पर पार्टी शिक्षक संघ के प्रत्याशी का समर्थन कर रही है जबकि एक अन्य सीट को छोड़ दिया है। इस छोड़ी गई सीट पर निर्दलीय के रूप में भाजपा के तीन नेता चुनाव मैदान में हैं। उधर समाजवादी पार्टी ने भी इन चुनावों में पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी ने एमएलसी की सभी 11 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं। चुनाव में भाजपा और सपा के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है। हालांकि शिक्षक संगठनों के प्रत्याशी भी चुनाव में अपनी सशक्त मौजूदगी बनाए हुए हैं।
भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण है यह चुनाव
भाजपा के लिए एमएलसी चुनाव काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पार्टी विधानपरिषद में बहुमत के लिए पूरी जोर आजमाइश में जुटी है। पार्टी ने स्नातक कोटे की सीटों पर लखनऊ से अवनीश सिंह पटेल, वाराणसी से केदारनाथ सिंह, मेरठ से दिनेश गोयल, इलाहाबाद झांसी से डॉ. यज्ञदत्त शर्मा और आगरा से मानवेंद्र सिंह को खड़ा किया है। वहीं शिक्षक निर्वाचन सीट पर लखनऊ से उमेश द्विवेदी, मेरठ से शिरीषचंद्र शर्मा, आगरा से दिनेश वशिष्ठ, बरेली-मुरादाबाद से हरि सिंह ढिल्लो, वाराणसी से चेतनारायण सिंह और गोरखपुर-फैजाबाद सीट से अजय सिंह को पार्टी ने समर्थन दिया है।
सपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न
सपा के लिए भी एमएलसी चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है। पार्टी ने मौजूदा एमएलसी संजय मिश्र और असीम यादव को एक बार फिर उम्मीदवार बनाया है। स्नातक निर्वाचन की लखनऊ खंड सीट से राम सिंह राणा, आगरा खंड से डॉक्टर असीम, वाराणसी से आशुतोष सिन्हा, इलाहाबाद-झांसी खंड से डॉक्टर मान सिंह और मेरठ से शमशाद अली प्रत्याशी हैं।
शिक्षक निर्वाचन सीट पर लखनऊ से उमाशंकर चौधरी पटेल, वाराणसी से लाल बिहारी, मेरठ से धर्मेंद्र कुमार, बरेली-मुरादाबाद खंड से संजय कुमार मिश्रा, आगरा से हेवेन्द्र सिंह चौधरी हऊआ और गोरखपुर फैजाबाद खंड से अवधेश कुमार मैदान में हैं।
अब तक रहा है शर्मा गुट का कब्जा
यूपी विधानपरिषद में शिक्षक और स्नातक कोटे की सीटों पर चुनाव में अब तक ओम प्रकाश शर्मा गुट काफी प्रभावी रहा है।
शर्मा गुट के ओम प्रकाश शर्मा पिछले 48 साल से लगातार एमएलसी हैं। मेरठ क्ष्ोत्र की सीट पर उनका कब्जा है। इस बार वह नौवीं बार मैदान में हैं। लखनऊ शिक्षक खंड के चुनाव में लखनऊ विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) ने भी दावेदारी की है।
विधानपरिषद में किसके पास कितनी सीटें कुल 100 विधान परिषद सीटों में भाजपा के पास सिर्फ 21 सदस्य हैं। सपा के पास 55 सदस्य हैं और बसपा के पास आठ सदस्य हैं। कांग्रेस के पास दो सदस्य हैं। इनमें से एक सदस्य दिनेश प्रताप सिंह भाजपा के साथ हो चुके हैं। इनके अलावा पांच सदस्य स्नातकों के द्वारा चुने जाते हैं। छह सदस्य शिक्षक संघ के द्वारा चुने जाते हैं।
इनका कार्यकाल खत्म होने से खाली हुई हैं सीटें
यह चुनाव लखनऊ शिक्षक निर्वाचन खंड से उमेश द्विवेदी, वाराणसी से चेत नारायण सिंह, आगरा से जगवीर किशोर जैन, मेरठ से ओम प्रकाश शर्मा, बरेली-मुरादाबाद से संजय कुमार मिश्रा और गोरखपुर-फैजाबाद खंड से ध्रुव कुमार त्रिपाठी का कार्यकाल छह मई 2020 को खत्म हो जाने के कारण कराया जा रहा है।
Sources:Agency News
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