किसानों के मुद्दों को लेकर जनवरी में दिल्ली में आंदोलन शुरू करेंगे अन्ना हजारे

 

 


पुणे (महाराष्ट्र) /  सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने सोमवार को चेतावनी दी कि अगर केन्द्र ने किसानों के मुद्दों से संबंधित उनकी मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो वह जनवरी में नयी दिल्ली में आंदोलन शुरू करेंगे। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित रालेगन सिद्धि गांव में जारी प्रेस विज्ञप्ति में अन्ना हजारे ने कहा कि उन्होंने अगले महीने दिल्ली में अपना विरोध-प्रदर्शन ‘‘फिर से शुरू’’ करने का निर्णय लिया है और इसके बारे में सरकार को भी सूचित कर दिया है। हालांकि, विज्ञप्ति में आंदोलन की तारीख को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है। हजारे ने कहा कि वह किसानों के लिए पिछले तीन साल से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार ने इन मुद्दों के समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘किसानों से संबंधित विभिन्न मांगों को लेकर मैं पहली बार 21 मार्च, 2018 को दिल्ली के रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठा था।’’

हजारे ने कहा, ‘‘सातवें दिन, तत्कालीन कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस मुझसे मिलने आए। उस समय उन्होंने मांगों को स्वीकार करते हुए लिखित आश्वासन दिया, लेकिन वे कभी पूरे नहीं हुए।’’ हजारे ने कहा, ‘‘परिणामस्वरूप, मैं फिर से 30 जनवरी, 2019 को रालेगण सिद्धि में भूख हड़ताल पर बैठा। उस समय भी केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे और फड़णवीस ने लिखित आश्वासन दिया था, लेकिन मांगें कभी पूरी नहीं हुईं।’’ हजारे ने कहा, ‘‘मैंने एक बार फिर से वह विरोध प्रदर्शन जनवरी में दिल्ली में फिर से शुरू करने का फैसला किया है, जो पिछले तीन साल से चल रहा है तथा इस संबंध में एक पत्र केंद्र को भेज दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ठोस निर्णय लें या मैं अपने फैसले पर (विरोध को फिर से शुरू करने के लिए) दृढ़ हूं।’’हजारे (83) रविवार को कहा था, ‘‘सरकार केवल खोखले वादे करती है, इसलिए मुझे उस पर (सरकार) अब कोई विश्वास नहीं है। देखते हैं केंद्र मेरी मांगों पर क्या कदम उठाता है। उन्होंने एक महीने का समय मांगा है और मैंने उन्हें जनवरी अंत तक का समय दिया है। अगर मेरी मांगे पूरी नहीं हुईं, मैं फिर भूख हड़ताल करूंगा। यह मेरा आखिरी प्रदर्शन होगा।’’ अन्ना हजारे ने 14 दिसम्बर को केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि एम. एस. स्वामीनाथन समिति की अनुशंसाओं को लागू करने और कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) को स्वायत्तता प्रदान करने संबंधी उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो वह भूख हड़ताल करेंगे। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे़ ने हाल ही में हजारे से मुलाकात भी की थी और उन्हें केन्द्र द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के बारे में अवगत कराया था। हजारे ने केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर आठ दिसम्बर को किसान संगठनों के भारत बंद के समर्थन में उपवास रखा था।

 

Sources:Agency News

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