केंद्र ने जारी किया भारत बंद के लिए देशव्यापी परामर्श, राज्यों से सुरक्षा कड़ी करने को कहा
‘भारत बंद’ का आह्वान किसान संगठनों ने किया है जो संसद के मॉनसून सत्र में लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस, राकांपा,द्रमुक, सपा, टीआरएस और वामपंथी दलों जैसी बड़ी पार्टियों ने बंद का समर्थन किया है।
नयी दिल्ली / केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि मंगलवार को किसान संगठनों और उनके समर्थन में विपक्षी दलों द्वारा आहूत ‘भारत बंद’ के दौरान सुरक्षा कड़ी की जाए और साथ ही शांति सुनिश्चित की जाए। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी देशव्यापी परामर्श में कहा कि राज्य सरकारों तथा केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासकों को सुनिश्चित करना चाहिए कि कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन किया जाए और सामाजिक दूरी बनाए रखी जाए। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को बताया गया है कि ‘भारत बंद’ के दौरान शांति और धैर्य बनाए रखा जाए और एहतियाती कदम उठाए जाएं ताकि देश में कहीं भी अप्रिय घटना नहीं हो।
‘भारत बंद’ का आह्वान किसान संगठनों ने किया है जो संसद के मॉनसून सत्र में लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस, राकांपा,द्रमुक, सपा, टीआरएस और वामपंथी दलों जैसी बड़ी पार्टियों ने बंद का समर्थन किया है। नये कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश के हैं। प्रदर्शनकारी किसानों की सरकार के साथ शनिवार को पांच दौर की वार्ता के बाद भी यह बेनतीजा रही क्योंकि किसान संगठनों के नेता नये कानून को वापस लेने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं और ‘हां या नहीं’ में स्पष्ट जवाब की मांग करते हुए ‘मौन व्रत’ धारण किए हुए हैं जिसके बाद केंद्र ने गतिरोध को समाप्त करने के लिए नौ दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है।
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