थमने लगे उत्तराखंड में भी ट्रकों के पहिए,किसानों के आंदोलन से पड़ा असर


किसान आंदोलन की वजह से उत्तराखंड के ट्रांसपोर्ट कारोबार के पहिए थमने लगे हैं। यूपी, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा रूट से होते हुए राज्य से रोजाना करीब 500 ट्रक सामान लेकर विभिन्न राज्यों को जाते हैं। और इतनी ही संख्या में ट्रक राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में दूसरे राज्यों से सामान लेकर आते हैं।


पर, किसान आंदोलन की वजह से रास्ते जाम होने के कारण दो दिन से यह आवाजाही घटकर 30-40 प्रतिशत पर आ गई है। यदि यह दिक्कत ज्यादा दिन रही तो राज्य महत्वपूर्ण वस्तुओं का संकट पैदा हो सकता है।


ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के प्रदेश महासचिव आदेश सैनी सम्राट ने केंद्र सरकार से अपील की कि वो किसानों आंदोलन की वजह से बंद सभी राजमार्गों को खुलवाने का प्रयास करे।


रास्ते बंद होने से न तो राज्य के उत्पादों को पर्याप्त मात्रा भी दूसरे राज्यों को भेजा जा पा रहा है और दूसरे राज्यों से भी सामान की आवक में कमी आने लगी है। मालूम हो किसान दिल्ली में डटे हुए हैं।


किसानों के हुजूम की वजह कई राजमार्ग पर जाम हैं। पिछले दिनों हरियाणा, पंजाब, हिमाचल बॉर्डर बंद होने से गाडियों की आवाजाही बिलकुल बंद हो गई। जब से किसानों ने दिल्ली डेरा डाला है बाकी प्रमुख रास्ते भी बंद हो गए हैं।


सैनी का कहना है कि भी हाल तक यूपी मार्ग ठीक था, लेकिन अब वहां भी बिजनौर,मेरठ और नोएडा में किसानों ने रास्ते बंद कर दिए हैं। न तो दिल्ली से ही यहां आने के लिए वाहनों की बुकिंग हो रही है। 


व्हाट्सऐप ग्रुप से बता रहे हैं एक-दूसरे का रास्ता
देहरादून। रास्ते जाम होने की वजह वाहन रास्तों में फंसे वाहनों को लंबे रूट के जरिए अपनी मंजिल की ओर बढ़ना पड़ रहा है। एक-दूसरे की सहायता और खुले हुए रास्तों की जानकारी देने के लिए ट्रक आपरेटर सोशल मीडिया को सहारा ले रहे हैं।


देहरादून ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन के महामंत्री अशोक ग्रोवर बताते हैं कि व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया गया है। इसमें सभी ट्रक ऑपरेटर और चालक परस्पर संपर्क में हैं। रास्ते की जानकारी एक-दूसरे को दे रहे हैं। ग्रोवर ने कहा कि रास्ते जाम रहने की स्थिति ज्यादा रही तो मुश्किलें हो सकती हैं।


यहां से है सबसे ज्यादा आवाजाही
देहरादून,ऋषिकेश, सेलाकुई, विकासनगर, हरिद्वार-रुड़की के सिडकुल, हल्द्वानी, यूएसनगर के सिडकुल 


 


Sources:Agency News


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