कोटद्वार में बर्ड फ्लू की दस्तक, मंगलवार को श्रीनगर में भी मरे मिले पक्षी
उत्तराखंड के कोटद्वार में बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है। यहां विगत शुक्रवार को मृत मिले कौवों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई। जिसके बाद यहां हड़कंप मच गया है। वहीं मंगलवार को भी कोटद्वार में कई जगहों पर मरे हुए पक्षी मिले हैं।मंगलवार को श्रीनगर स्थित एसएसबी परिसर में भी दो कौए मृत मिले हैं। जबकि एक कबूतर कीर्तिनगर में मृत मिला है। प्रशासन ने इनके सैंपल जांच के लिए भिजवा दिए हैं।मृत पक्षियों की जांच रिपोर्ट में बर्ड फ्लू पॉजिटिव आने के बाद अब प्रशासन ने मृत मिले कौवों के स्थान से एक किमी. क्षेत्र को कीट इंफेक्टेड और 10 किमी. क्षेत्र को सर्विलांस क्षेत्र घोषित कर दिया है। क्षेत्र में अंडा, मछली और चिकन की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रशासन की टीम ने पोल्ट्री सामान बिक्री दुकानों को चिन्हित किया और उन्हें नोटिस जारी किया है।एक किमी. क्षेत्र को इंफेक्टेड जोन घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में पोल्ट्री उत्पाद की बिक्री पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। पोल्ट्री उत्पाद बेचने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
-योगेश मेहरा, उपजिलाधिकारी कोटद्वार
बता दें कि कोटद्वार शहर लैंसडौन वन प्रभाग क्षेत्र में आता है। यहां जंगल में स्वदेशी और विदेशी पक्षी पाए जाते हैं। इस बाबत वन विभाग ने अलर्ट जारी किया है, लेकिन कर्मचारियों को पीपीई किट उपलब्ध नहीं कराई है। वन कर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर मरे हुए पक्षियों को उठा रहे हैं। कोटद्वार रेंज अधिकारी शीतल वैध ने बताया कि विभाग ने उनको सुरक्षा किट उपलब्ध नहीं कराई है।पिछले शुक्रवार को कोटद्वार नगर निगम के वार्ड नंबर-16 सिताबपुर क्षेत्र में पनियाली गदेरे से लगे इलाके में पांच कौवे मरने की सूचना से लोगों के साथ ही प्रशासन में हड़कंप मच गया था। इस मामले को बर्ड फ्लू से जोड़ते हुए लोगों ने तहसील प्रशासन, वन विभाग, पशुपालन विभाग को सूचना दी थी। विभागीय अधिकारियों की टीम ने मृत कौवों के सैंपल लिए थे। सैंपल भोपाल स्थित हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज डिजीटल लैब भोपाल (मध्य प्रदेश) भेजा गया था।सिताबपुर निवासी डा. पदमेश बुड़ाकोटी ने पार्षद गायत्री भट्ट को क्षेत्र में मामले की जानकारी दी थी। पार्षद ने इसकी सूचना पशुपालन विभाग और प्रशासन को दी थी। सूचना मिलने पर एसडीएम योगेश मेहरा, तहसीलदार विकास अवस्थी, कोटद्वार रेंज अधिकारी शीतल वैद्य, पशु चिकित्साधिकारी डा. बीएम गुप्ता मौके पर पहुंचे थे। वन विभाग की ओर से मृत कौवों के सैंपल लेकर जांच के लिए भोपाल की लैब में भेजा गया था।
Sources:AmarUjala
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