क्लेमेंटटाउन कैंट बोर्ड में लोन के नाम पर फर्जीवाड़ा
कैंट बोर्ड क्लेमेंटटाउन में लोन के नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। बिना कैंट बोर्ड सीईओ की स्वीकृति के ही एक नहीं बल्कि 25 से अधिक कर्मचारियों ने बैंक से लोन लिया है। यह खुलासा सीईओ की ओर से कराई गई आंतरिक जांच में हुआ है। किस पत्र के आधार पर बैंक ने कर्मचारियों को लोन दिया है, यह पता लगाने के लिए अब कैंट बोर्ड ने बैंक से लोन से संबंधित सभी कागजात मांगे हैं।दरअसल, हाल ही में एक व्यक्ति की ओर से क्लेमेंटटाउन कैंट बोर्ड का कर्मचारी बनकर फर्जी दस्तावेज के आधार पर प्रेमनगर नगर स्थित सहकारी बैंक से लोन लेने का मामला सामने आया था। इसका पता तब चला जब व्यक्ति ने लोन की किश्त जमा नहीं की और बैंक ने कैंट बोर्ड को इस संबंध में पत्र भेजा। इसके बाद कैंट बोर्ड सीईओ ने इसकी आंतरिक जांच कराई तो पता चला है कि एक नहीं बल्कि कैंट बोर्ड के 25 से अधिक कर्मचारियों ने उस बैंक से लोन लिया है। नियम यह है कि जब भी कोई कैंट बोर्ड कर्मचारी बैंक से लोन लेता है तो इसके लिए सीईओ की स्वीकृति जरूरी है, जिससे कि लोन की किश्त जमा न करने पर बैंक कर्मचारी के वेतन से किश्त काटी जा सके।आंतरिक जांच में यह बात भी सामने आई कि कैंट बोर्ड सीईओ की ओर से इसके लिए कोई स्वीकृति नहीं दी गई है। जांच में कैंट बोर्ड के सभी सेक्शनों ने यह बात सीईओ को लिखित में दी है कि न तो बैंक की ओर से उन्हें इस प्रकार का कोई पत्र मिला है और न ही उनकी ओर से कोई पत्र जारी किया गया है। कैंट बोर्ड ने सत्यता जानने के लिए बैंक से लोन से संबधित कागजातों की मांग की है।
कैंट बोर्ड के कुछ अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध
लोन फर्जीवाड़े में भले ही सभी कर्मचारी और सेक्शन उनकी ओर से पत्र जारी न करने की बात कह रहे हों, लेकिन इसमें कैंट बोर्ड के ही कुछ बड़े अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि जिस व्यक्ति (कमल कुमार) ने फर्जी दस्तावेज लगाकर लोन लिया, उसका रिश्तेदार कैंट बोर्ड में बड़े पद पर कार्यरत है। ऐसे में कहा जा रहा है कैंट बोर्ड के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण ही यह फर्जीवाड़ा हुआ।मामला सामने आने के बाद जांच करवाई थी। इसमें कैंट बोर्ड के 25 से अधिक कर्मचारियों के लोन लेने की बात सामने आई है। कैंट बोर्ड के सभी सेक्शन ने बैंक को कोई भी पत्र जारी से मना किया है। वैसे भी बिना सीईओ की स्वीकृति से कोई कर्मचारी लोन नहीं ले सकता, लेकिन मैंने भी कोई पत्र जारी नहीं किया। किस आधार पर लोन लिया गया है, यह जानने के लिए बैंक से कागजात मांगे गए हैं। मामले में किसी भी कर्मचारी की संलिप्तता पाई जाती है, तो उसे तत्काल सस्पेंड किया जाएगा।
- अभिषेक राठौर, सीईओ, कैंट बोर्ड क्लेमेंटटाउन
Sources:AmarUjala
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