महाकुंभ 2021-कोरोना संक्रमण का व्यापारियों की उम्मीदों पर लगा ग्रहण,बाजार में सन्नाटा
हरिद्वार महाकुंभ मेले में कोरोना की एसओपी (मानक संचालक प्रक्रिया) ने स्थानीय व्यापारियों के अच्छा कारोबार-व्यापार की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। कुंभ मेला शुरू हुए सात दिन गुजर गए हैं, लेकिन धर्मनगरी के बाजारों में सन्नाटा है। एसओपी के सख्त मानकों के कारण श्रद्धालुओं ने कदम रोक लिए हैं।बीते साल मार्च में कोरोनाकाल में लॉकडाउन ने धर्मनगरी के व्यापारियों का व्यापार चौपट कर दिया था। धर्मनगरी का व्यापार पूरी तरह से यात्रियों पर ही निर्भर है। अनलॉक के बाद भी श्रद्धालुओं के लिए तमाम बंदिशों से कारोबार हल्का रहा। व्यापारियों ने कुंभ मेले से काफी उम्मीदें लगाई थीं। व्यापारियों को आस थी कि कुंभ मेले में बीते कोरोनाकाल में हुई नुकसान की भरपाई हो जाएगी।एक अप्रैल से कुंभ मेला शुरू हो चुका है। सरकार ने मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एसओपी भी लागू की है। अपर रोड से लेकर हरकी पैड़ी क्षेत्र पर बीते कुंभ की तुलना में कम श्रद्धालु हैं, लेकिन भूपतवाला, खड़खड़ी, भीमगोड़ा अन्य बाजारों में दुकानदार खाली बैठे हैं।मध्य हरिद्वार के व्यापारी अंकित, रेलवे स्टेशन के पास विमल कुमार, संदीप कुमार आदि का कहना है कि कोरोनाकाल के बाद कुंभ मेले से भी नुकसान झेलना पड़ रहा है। गाइड लाइन सख्त होने के चलते श्रद्धालु हरिद्वार नहीं आ रहे हैं।
मार्च से भी कम हो रहे श्रद्धालु
कुंभ मेले के लिए एक अप्रैल से एसओपी लागू है। इससे मार्च की तुलना में श्रद्धालुओं की संख्या कम हो गई है। व्यापारियों के अनुसार मार्च में श्रद्धालु हरिद्वार पहुंच रहे थे, लेकिन अप्रैल से सीमाएं सील होने से श्रद्धालुओं ने कुंभ नगरी आने से मुंह मोड़ लिया है।प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को गलत जानकारी देकर एक अप्रैल से कुंभ मेले के लिए एसओपी लागू कराई है। इसके कारण श्रद्धालु धर्मनगरी में नहीं आ पा रहे हैं। यात्रियों की संख्या सामान्य दिनों से भी कम रह गई है। ऐसे में यह कुंभ मेला पुलिस, अफसरों और नेताओं का ही बनकर रह गया है। श्रद्धालुओं और व्यापारी तो कुंभ मेले से दूर हो चुके हैं। अगर अब भी सरकार को व्यापारियों की जरा भी चिंता है तो वह एसओपी को हटाए। ताकि श्रद्धालु बेरोक-टोक कुंभ मेले में आ सकें।
-संजीव चौधरी, प्रदेशाध्यक्ष, प्रदेश व्यापार मंडल
Sources:Agency News
टिप्पणियाँ