दाने-दाने को तरस रहा उत्तर कोरिया, तानाशाह किम की शुरू हुई कड़ी परीक्षा

 

 सियोल  /  उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने पहली बार देश के हालात की तुलना 1990 के अकाल से करते हुए बेहद गंभीर आर्थिक कठिनाइयों से लड़ने के लिए ‘‘कठिन मोर्चा’’ छेड़ने का आह्वान किया। किम ने इससे पहले कहा था कि उनका देश कोरोना वायरस महामारी, अमेरिकी प्रतिबंधों और प्राकृतिक आपदाओं सहित कई कारकों के चलते ‘‘सबसे खराब’’ स्थिति का सामना कर रहा है। हालांकि, यह पहली बार है जब उन्होंने सार्वजनिक रूप से वर्तमान हालात की तुलना भीषण अकाल से की, जब लाखों लोग मारे गए थे। उत्तर कोरिया की निगरानी करने वाले समूहों ने फिलहाल बड़े पैमाने पर भुखमरी या मानवीय आपदा के संकेत मिलने की बात नहीं कही है, लेकिन किम की टिप्पणियों से लगता है कि वर्तमान हालात गंभीर हैं, जो उनके नौ साल के शासन में सबसे बड़ी परीक्षा है।कोरियाई सेंट्रल न्यूज के अनुसार किम ने गुरुवार को सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों से कहा, ‘‘हमारे सामने कई बाधाएं और कठिनाइयां हैं... मैंने अपने लोगों को राहत देने के लिए डब्ल्यूपीके (वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया) से सभी स्तरों पर अपनी केंद्रीय समिति और पार्टी के सेल सचिवों की राय लेने और एक कठिन मोर्चे के लिए तैयार रहने के लिए कहा है।’’ किम का यह भाषण सत्ता पक्ष के हजारों जमीनी सदस्यों के साथ एक पार्टी की बैठक के समापन समारोह में आया, जिसे सेल सचिव कहा जाता है।


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