मरीजों की जाने से खिलवाड़ करने पर अस्पतालों और कोविड सेंटरों को नोटिस
राज्य में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने पर शासन-प्रशासन ने कोविड अस्पताल और कोविड केयर सेंटर तो बना दिए लेकिन वहां आग बुझाने के संसाधनों की उपलब्धता को लेकर अफसरों ने ध्यान नहीं दिया गया। स्थिति यह है कि दून अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पतालों, निजी अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर में आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन तक उपलब्ध नहीं हैं। लापरवाही पर अग्निशमन विभाग ने दून अस्पताल, पारस दून अस्पताल और तीलू रौतेली कोविड केयर सेंटर समेत छह को नोटिस जारी किया है। दून अस्पताल में कोविड मरीजों को भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। लेकिन अप्रैल-मई के महीने में अचानक से मरीजों की संख्या में इजाफा होने पर निजी अस्पतालों समेत अन्य संस्थानों को कोविड केयर सेंटर के रूप में स्थापित किया गया है।इनमें आग बुझाने के पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने को लेकर उच्च अधिकारियों ने अग्निशमन विभाग को निरीक्षण के निर्देश दिए थे। दून शहर के अग्निशमन अधिकारी सुरेशचंद्र रवि ने दून अस्पताल, पारस दून अस्पताल और तीलू रौतेली महिला छात्रावास कोविड सेंटर का निरीक्षण किया जहां आग बुझाने के लिए पानी के पर्याप्त इंतजाम नहीं मिले। एफएसओ सुरेशचंद्र रवि ने बताया कि दून अस्पताल, पारस दून अस्पताल और तीलू रौतेली कोविड केयर सेंटर प्रबंधन को निरीक्षण के बाद खामियां मिलने पर नोटिस जारी किया है। नोटिस में कमियों को दूर करने के लिए कहा है। अन्य अस्पतालो और कोविड सेंटरों में व्यवस्थाएं सही मिली हैं।
ऋषिकेश में सरकारी अस्पताल में भी जांच में मिलीं खामियां
ऋषिकेश से डोईवाला क्षेत्र में आठ कोविड केयर सेंटर और अस्पताल हैं। जहां पर अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण किया। इस दौरान ऋषिकेश के एसपीएस अस्पताल में फायर संबंधी उपकरणों में कुछ खामियां मिली। जिस पर अग्निशमन विभाग ने मुकम्मल इंतजाम करने को अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया। नोटिस के बाद सरकारी अस्पताल में फायर उपकरणों की हालत नहीं सुधरी। अग्निशमन अधिकारी बीरबल सिंह ने बताया कि सात कोविड केयर सेंटरों में फायर संबंधी व्यवस्थाएं अच्छी अव्यवस्था में मिली। एसपीएस अस्पताल के सीएमएस को दो बार व्यवस्था न सुधार पाने पर नोटिस दिया गया। अब उन्हें रिमाइंडर भेजा जाएगा।
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