चीफ वाईल्ड लाईफ वार्डन ने पी.सी.सी.एफ को दी कानून पढ़ने की नसीहत

उत्तराखण्ड में सरकारी विभागों के हाल बहुत बुरे दौर से गुजर रहे है। अधिकारियों की नासमझी की वजह से न जाने कितने कार्य प्रभावित हो जाते होंगें। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां दो शीर्ष अधिकारियों के आमने-सामने आ जाने से वन विभाग की खासी फजीहत हो रही है। गौरतलब है कि ये सारा मामला लालढांग-चिल्लरखाल सड़क मार्ग का है जिसको लेकर दो शीर्ष अधिकारियों के बीच ठन गई। आपको बता दें कि हरिद्वार को कोटद्वार से जोड़ने वाली लालढ़ांग-चिल्लरखाल सड़क निर्माण का है,जिसे वन विभाग बना रहा है। इस पर पी.सी.सी.एफ राजीव भर्तरी ने वन विभाग से बगैर क्लियरेंस लिए सड़क निर्माण पर आपत्ति जताते हुये डी.एफ.ओ लैंसडाउन, चीफ वाईल्ड लाईफ वार्डन समेत तमाम अधिकारियों को पत्र भेजकर क्लियरेंस लेने को कहा और पत्र की प्रतिलिपी केन्द्रिय वन मंत्रालय को भेज दी। इस पर चीफ वाईल्ड लाईफ वार्डन जे.एस सुहाग ने पीसीसीएफ राजीव भर्तरी को कानून की जानकारी न होने तक की बात कह डाली।इस पूरे मामले में चीफ वाईल्ड लाईफ वार्डन जे.एस.सुहाग का कहना है कि जहां सड़क निर्माण हो रहा है वह संरक्षित भूमि नहीं है जब सड़क निर्माण वन विभाग करा रहा है फिर क्लियरेंस की जरूरत नहीं है,वाईल्ड लाईफ की क्लियरेंस ले चुके हैं व सड़क निर्माण में एक भी पेड़ नहीं काटा जाना है। सड़क पहले से ही बनी हुई थी सिर्फ मेंन्टेनेंस हो रही है पी.सी.सी.एफ को कानून की जानकारी नहीं है इसलिए उन्होंने जो पत्र भेजा है वह गलत है। सवाल ये नहीं उठता है कि पी.सी.सी.एफ को कानून की जानकारी नहीं है लेकिन सवाल ये उठता है कि शीर्ष अधिकारियों में किस कदर तालमेल का अभाव है वो इस पूरे मामले को देखकर नजर आता है। बहरहाल इस पूरे मामले में वन विभाग के शीर्ष अधिकारी की खासी फजीहत हो रही है। Sources:IndianIdol

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