देहरादून-दंपती ने पुलिस के नाम से बनाया ट्रस्ट,मोनोग्रामका करा इस्तेमाल,मुकदमा दर्ज

 


  देहरादून / पुलिस विभाग की अनुमति के बिना दंपती ने एक व्यक्ति के साथ मिलकर उत्तराखंड पुलिस फैमिली वेलफेयर नाम से ट्रस्ट बना दिया। इसमें पुलिस के मोनोग्राम का भी इस्तेमाल किया गया। प्रकरण में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के निर्देश पर सोमवार को आरोपितों के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) वी. मुरुगेशन को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से इस ट्रस्ट की जानकारी मिली थी। इस पर उन्होंने 29 मई को स्पेशल टास्क फोर्स के एसएसपी अजय सिंह को पत्र लिखकर ट्रस्ट की जांच का आदेश दिया। जिसमें पाया गया कि ट्रस्ट का संस्थापक शैलेश सिंघल निवासी कांवली रोड है। उसने महकमे से अनुमति लिए बिना ट्रस्ट को उत्तराखंड पुलिस के नाम से पंजीकृत कराया है। साथ ही इसका फेसबुक पर प्रचार-प्रसार किया। शैलेंद्र ने पत्नी नीलम सिंघल को ट्रस्ट का कोषाध्यक्ष बनाया।एक अन्य शख्स दीपक रस्तोगी ट्रस्ट का उपाध्यक्ष है। वह भी कांवली रोड पर रहता है। जांच में यह भी पता चला कि इन तीनों ने धोखाधड़ी करने और अनुचित लाभ लेने के उद्देश्य से ट्रस्ट बनाया है। नगर कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि शैलेंद्र, नीलम और दीपक के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। शैलेंद्र सिंघल फार्मेसी चलाता है।नगर कोतवाली के एसएसआइ लोकेंद्र बहुगुणा ने बताया कि अगर कोई संस्था पुलिस के नाम पर ट्रस्ट बनाती है तो रजिस्ट्रार कार्यालय से इसकी सूचना पुलिस विभाग को दी जानी चाहिए। इस प्रकरण में रजिस्ट्रार कार्यालय में ट्रस्ट को पंजीकृत करने वाले की भूमिका की भी जांच की जाएगी। आरोपितों के खातों की भी जांच होगी। अगर उन्होंने पुलिस के नाम से पैसे लिए होंगे तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

Sources:JNN

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