उन्नाव रेप पीड़िता का वीडियो आने के बाद भाजपा ने कुलदीप सेंगर के करीबी का टिकट काटा
बहुचर्चित उन्नाव रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के करीबी अरुण सिंह को भाजपा द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष का उम्मीदवार बनाये जाने पर बलात्कार पीड़िता ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर विरोध जताया है। पीड़िता का वीडियो आने के बाद पार्टी ने संज्ञान लिया और अरुण सिंह का टिकट काट दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के 1 घंटे बाद जिला अध्यक्ष राजकिशोर रावत ने अरुण सिंह का टिकट निरस्त होने की घोषणा की। सकून सिंह को बनाया गया जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी। सकून सिंह पूर्व एमएलसी स्वर्गीय अजीत सिंह की पत्नी है।भारतीय जनता पार्टी की तरफ से नवाबगंज के पूर्व ब्लाक प्रमुख अरुण सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी घोषित किया गया है। जिला अध्यक्ष राज किशोर रावत ने इसकी अधिकृत घोषणा की। अरुण के प्रत्याशी बनाए जाने के कुछ देर बाद से ही सोशल मीडिया में एक 2 मिनट 4 सेकंड का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें माखी रेपकांड की पीड़िता हाथ में यह कागज लेकर सरकार से मांग कर रही है कि अरुण सिंह का टिकट वापस लिया जाए। आरोप लगाया है कि अरुण सिंह विधायक के सहयोगी थे और उसके साथ और उसके पिता के साथ हुई घटना में शामिल थे।
उन्नाव: रेप पीड़िता की प्रेस कॉन्फ्रेंस के 1 घंटे बाद जिला अध्यक्ष राजकिशोर रावत ने कुलदीप सेंगर के सहयोगी अरुण सिंह का टिकट निरस्त होने की की घोषणा। सकून सिंह को बनाया गया जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी। सकून सिंह पूर्व एमएलसी दिवंगत अजीत सिंह की पत्नी है।#Unnao https://t.co/PVBeHdHpWt pic.twitter.com/ioqklyF5tg — Hindustan (@Live_Hindustan) June 24, 2021
वीडियो में
पीड़िता ने कहा कि भाजपा उन लोगों को टिकट दे रही है जो उसे जान से मारना
चाहते हैं। गौरतलब है कि उन्नाव भाजपा के जिला पंचायत राज किशोर रावत ने
नवाबगंज के पूर्व ब्लॉक प्रमुख और औरास द्वितीय से निर्वाचित अरुण सिंह को
जिला पंचायत अध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित किया। यह वीडियो सामने आने के
बाद अरुण सिंह का टिकट काट दिया गया। अब उनकी जगह सकून सिंह को जिला पंचायत
अध्यक्ष का प्रत्याशी बनाया गया है। सकून सिंह पूर्व एमएलसी स्वर्गीय अजीत
सिंह की पत्नी है।आपको बता
दें कि 2017 के उन्नाव रेप केस में गिरफ्तार कुलदीप सिंह सेंगर को उम्र कैद
की सजा सुनाई गयी थी। इसके अलावा उन्हे पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत
में मौत के मामले में भी 10 साल की सजा मिली है। भाजपा ने 2019 में चार बार
विधायक रह चुके सेंगर को पार्टी से बाहर निकाल दिया था। उनकी विधानसभा
सदस्यता भी रद्द कर दी गई है।
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