उत्तराखंडः एक अगस्त से 31 सितंबर तक होगा दून का ड्रोन सर्वे
राजधानी दून में संपत्ति कर का निर्धारण करने के लिए ड्रोन सर्वे होने जा रहा है। एक अगस्त से 31 सितंबर तक होने वाले इस सर्वे के बाद जीआईएस आधारित सर्वे से संपत्ति कर का आकलन किया जाएगा।साथ ही निगम ने एक मोबाइल एप भी तैयार करवाया है, जिसमें डोर टु डोर सर्वे के बाद डाटा अपलोड किया जाएगा। इससे संपत्ति कर की चोरी करने या कम कर देने वालों पर नकेल कसी जा सकेगी।राजधानी में अभी 42 हजार से अधिक संपत्तियों का व्यावसायिक कर जमा हो रहा है। इसके अलावा 1.20 लाख से अधिक संपत्तियों का आवासीय कर जमा हो रहा है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं, जो टैक्स का एक रुपया भी जमा नहीं कर रहे हैं। वहीं, बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं, जो झूठ बोलकर कम टैक्स जमा करा रहे हैं। इन लोगों पर नकेल कसने के लिए निगम ने जीआईएस बेस्ड सर्वे का फैसला लिया है।इसके तहत पूरे शहर का ड्रोन सर्वे किया जाएगा। इसमें सभी संपत्तियों, उनकी लोकेशन, लंबाई-चौड़ाई और क्षेत्रफल को चिह्नित किया जाएगा। इसके बाद निगम की एक टीम घर-घर जाकर सर्वे करेगी। इसमें लोगों की ओर से बताए गए सेल्फ एसेसमेंट के दावों की भी जांच होगी। यह टीम एक मोबाइल एप में पूरा डाटा अपलोड करेगी। इन दोनों सर्वे के आधार पर संपत्ति कर का आकलन किया जाएगा।
एक्चुअल कारपेट एरिया पर लगेगा टैक्स
लोगों को अब एक्चुअल कारपेट एरिया पर टैक्स का भुगतान करना होगा। अभी बहुत से लोग संपत्ति को कम दर्शाकर टैक्स की चोरी कर रहे हैं। सर्वे के बाद सभी घर पूरी माप के साथ मैप पर दर्ज हो जाएंगे। इससे किसी भी संपत्ति का टैक्स आसानी से निकाला जा सकेगा। इसमें किसी तरह की गड़बड़ी कर पाना आसान नहीं होगा। संपत्ति कर की सटीकता में यह सिस्टम उपयोगी साबित होगा। इसके अलावा कोई कर देेने से बच नहीं सकेगा। सभी संपत्तियों का सही कर आकलन भी होगा, जिससे लोगों को भी किसी तरह की दिक्कत नहीं रहेगी।
- विनय शंकर पांडेय, नगर आयुक्त
Sources:Amarujala
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