कांवडि़यों की उत्तराखंड की सीमा पर नो एण्ट्री,पुलिस ने बनाई फुल प्रूफ रणनीति
कोरोना संक्रमण को देखते हुए रद्द की गई कांवड़ यात्रा में कांविड़यों को हरिद्वार आने से रोकने के लिए प्रशासन ने कड़ी चेतावनी जारी की है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि प्रतिबंध के बावजूद भी अगर कोई कांवड़ लेने आता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।एसएसपी सेंथिल अवूदई ने निर्देश दिए कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण (तीसरी लहर) से आम जनता की जान की सुरक्षा को देखते हुए प्रदेश सरकार ने कांवड़ मेला रद्द कर दिया है। उन्होंने बताया कि कांवड मेले में देश के कोने-कोने से शिव भक्तों का हरिद्वार आवागमन रहता है। इसको देखते हुए जिला प्रशासन से समन्वय बनाकर सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं ताकि कांविड़यों को हरिद्वार आने से रोका जा सके।इसके लिए बॉर्डर पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात किया जाएगा। एसपी क्राइम, एसपी ग्रामीण और एसपी सिटी को निर्देशित किया कि वे समय से उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों से बॉर्डर मीटिंग आयोजित करते हुए सूचनाओं का आदान-प्रदान करें। साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को सीज करने की कार्रवाई के बाद पार्किंग स्थलों का समय से चयन किया जाए।इसके साथ ही वहां पर भी पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात किए जाएं। उधर, बताया जा रहा है कि 24 जुलाई से कांवड़ यात्रा को लेकर बॉर्डर सील कर दिए जाएंगे। हालांकि एसएसपी का कहना है कि अभी जिलाधिकारी से बॉर्डर सील करने को लेकर वार्ता की जाएगी। जैसे ही जिलाधिकारी बॉर्डर सील करने के आदेश जारी करेंगे।
14 दिन तक क्वारंटाइन सेंटर में भेजा जाएगा
22 जुलाई कि सुबह से कांवड़ियों ने हरिद्वार में प्रवेश की कोशिश की तो उन्हें एफआईआर दर्ज कर 14 दिन तक क्वारंटाइन सेंटर में भेजा जाएगा। इसके लिए अलग-अलग स्थानों पर क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। वहीं यदि कांवड़ियों ने वाहनों से प्रवेश किया तो ऐसे वाहनों को सीज किया जाएगा।
22 से बंद होंगे जिले के बॉर्डर, तैनात होंगे अधिकारीकोरोना संक्रमण को देखते हुए स्थगित की गई कांवड़ यात्रा में कांविड़यों को हरिद्वार आने से रोकने के लिए रणनीति तैयार की गई। 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा के मद्देनजर जिले क बॉर्डर सील कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही बॉर्डर पर अनुभवी अफसरों की तैनाती की जाएगी। एसएसपी ने पुलिस अधिकारियों, इंस्पेक्टरों और थाना प्रभारियों के साथ बैठक करते हुए ये दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन से समन्वय बनाकर सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं ताकि कांविड़यों को हरिद्वार आने से रोका जा सके। इसके लिए बॉर्डर पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने एसपी क्राइम, एसपी ग्रामीण और एसपी सिटी को निर्देशित किया कि वे समय से उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों से बॉर्डर मीटिंग आयोजित करते हुए सूचनाओं का आदान-प्रदान करें।साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को सीज करने की कार्रवाई के बाद पार्किंग स्थलों का समय से चयन किया जाए। इसके साथ ही वहां पर भी पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल नियुक्त किया जाए। 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा को लेकर बॉर्डर पर पुलिस सख्ती कर देगी। वहीं बॉर्डर पर अनुभवी अफसरों को भी तैनात किया जाएगा। कांवड़ यात्रा के लिए बस की न करें बुकिंगकांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार आने वाले कांवड़ियों की बुकिंग न लेने के निर्देश बस आपरेटरों को दिए गए हैं। इसके साथ ही ट्रेनों और रोडवेज बसों से आने वाले कांवड़ियों को रोकने के लिए भी कार्ययोजना बनाई जा रही है। कांवड़ यात्रा के कांवड़िए परिवहन निगम की बसों के साथ ही ट्रेनों व अपने वाहनों से भी पहुंचते हैं। इसके अलावा निजी बसों को भी बुक कर हरिद्वार लाया जाता है। कांवड़ यात्रा स्थगित होने के बाद कांवड़िए धर्मनगरी में न आएं, इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है।उत्तरी हरिद्वार स्थित यातायात पुलिस लाइन में बुधवार को क्षेत्राधिकारी यातायात बिजेंद्र डोभाल और यातायात प्रथम विकास पुंडीर ने शहर के 10 बस ऑपरेटरों की बैठक ली।बैठक में सीओ बिजेंद्र डोभाल ने बताया कि बस ऑपरेटरों के पास यदि किसी भी दूसरे प्रदेश के जिलों से बसों की बुकिंग आती है तो बुकिंग न ली जाए। इसके साथ ही बॉर्डर से भी यात्रियों को न लाया जाए। वहीं बसों और ट्रेनों से आने वाले कांवड़ियों को रोकने के लिए भी रणनीति तैयार की जा रही है।
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