देवस्थानम बोर्ड: बदरीनाथ में तीर्थ पुरोहितों ने निकाली रैली, पुतला फूंककर जताया विरोध
केदारनाथ के बाद अब बदरीनाथ धाम में भी उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड का विरोध शुरू हो गया है। शुक्रवार को तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों ने बदरीनाथ धाम में रैली निकालकर बोर्ड का पुतला फूंका।तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि यदि सरकार जल्द बोर्ड को भंग नहीं करती है तो आंदोलन तेज किया जाएगा। उन्होंने मंदिर के गर्भगृह में होने वाली पूजा के लाइव प्रसारण की योजना का भी विरोध किया।शुक्रवार सुबह बदरीनाथ के तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकघारी विजय लक्ष्मी चौक पर इकट्ठा हुए। यहां से वे जुलूस की शक्ल में बदरीनाथ धाम परिसर में पहुंचे। स्थानीय हक हकूकधारी, ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित संघ, डिमरी पंचायत, मेहता थोक, भंडारी थोक, मालाकोटि, माणा थोक के अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने आस्था पथ से मंदिर परिसर तक बोर्ड के विरोध में रैली निकाली।रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। ब्रह्मकपाल तीर्थ पुरोहित संघ के अध्यक्ष उमानंद सती का कहना है कि बोर्ड के गठन के बाद से ही इसका विरोध हो रहा है, लेकिन सरकार कोई निर्णय नहीं ले रही है।बोर्ड हक-हकूकधारियों को उनके अधिकारों से वंचित रखना चाहता है। बदरीनाथ धाम से पूजा के लाइव प्रसारण का भी विरोध किया जाएगा। रैली निकालने के बाद देवस्थानम बोर्ड का पुतला फूंका गया।चेतावनी दी गई कि यदि जल्द बोर्ड को भंग नहीं किया जाता है तो मंदिर प्रांगण में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा। इस मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा गया। इस दौरान ब्रहम कपाल से उमेश सती, विनोद हटवाल, सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता विकास जुगरान ने बदरीनाथ धाम की पूजा के लाइव प्रसारण का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा धार्मिक परंपराओं से छेड़छाड़ कर रही है। कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करेगी। सत्ता में आते ही कांग्रेस देवस्थानम बोर्ड को भंग कर देगी। केदारनाथ में भी चारधाम देवस्थानम बोर्ड के विरोध में तीर्थपुरोहितों का आंदोलन 34वें दिन भी जारी रहा। मंदिर परिसर में धरना देते हुए तीर्थपुरोहितों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। शुक्रवार को आचार्य संजय तिवारी के नेतृत्व में तीर्थपुरोहितों ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के विरोध के लिए आंदोलन को नई रूपरेखा के साथ तेज कर दिया गया है।केदारघाटी के बाजारों व कस्बों में समय-समय पर रैली का आयोजन कर धरना दिया जाएगा। उन्होंने प्रदेश सरकार पर केदारनाथ समेत चारधाम के तीर्थपुरोहित व हक-हकूकधारियों की उपेक्षा का आरोप लगाया। कहा कि आपदा के बाद राज्य व केंद्र सरकार द्वारा केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य किया जा रहा है लेकिन प्रभावितों की सुध नहीं ली गई है।
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