योगी सरकार का बड़ा कदम ! जैविक खेती कर गंगा को शुद्ध करेंगे गंगातट पर बसे किसान
मेरठ / उत्तर प्रदेश सरकार ने गंगा के किनारे पर होने वाली परंपरागत खेती
में बदलाव कर प्रदूषण पर लगाम लगाने के साथ किसानों की अर्थव्यवस्था बदलने
की योजना तैयार की है। योजना के तहत मेरठ के मवाना व परीक्षितगढ़ के आठ
गांवों का चयन योजना के लिए किया गया है। इन गांवों के एक हजार से अधिक
किसान गंगा के किनारे पर जैविक खेती करेंगे। इसके लिए कलस्टर तैयार कर
जिम्मेदारी दे दी गई है।प्रदेश
सरकार ने गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए अब तक का सबसे बड़ा कदम उठाया
है। प्रदेश में गंगा किनारे खेती बाड़ी में अब रासायनिक उर्वरकों का
प्रयोग नहीं किया जा सकेगा। गंगा के किनारे अब जैविक खेती की जाएगी। मवाना व
परीक्षितगढ़ के जिन आठ गांवों का चयन किया गया है,उन गांवों के 11100
किसान गंगा के किनारे पर 900 हेक्टेयर जमीन पर जैविक खेती करेंगे। इससे
गंगा तो प्रदूषण मुक्त होगी ही, साथ ही जलीय और वन्य जीवों के जीवन पर गहरा
रहा रासायनिक संकट खत्म हो जाएगा।उत्तर प्रदेश में नमामि गंगे
योजना के तहत गंगा का प्रदूषण से मुक्ति के लिए हर स्तर पर कार्य हो रहा
है। अब गंगा के किनारे पर जैविक खेती कराने की योजना परंपरागत कृषि विकास
योजना के तहत तैयार की गई है। योजना में गंगा किनारे बसे प्रदेश के 44
जनपदों को शामिल किया गया है। मेरठ व सहारनपुर मंडल के जनपद भी इसमें शामिल
हैं।गंगा के किनारे की जमीन पर जैविक खेती होने से जहां खतरनाक खाद व कीट
नाशक का प्रयोग बंद हो जाएगा, वहीं गंगा में फसलों के अवशेष भी बहाने से
मुक्ति मिलेगी। उधर, परंपरागत खेती के साथ जैविक खेती करने से किसानों को
अतिरिक्त लाभ तो होगा ही, साथ ही सरकार की अनुदान संबंधित योजनाओं का लाभ
भी प्रदान किया जाएगा। मेरठ
के सीडीओ शशांक चौधरी के अनुसार गंगा के किनारे पर जैविक खेती की योजना
तैयार है। कृषि विभाग ने खेती की जमीन के साथ किसानों चयन भी कर लिया है।
किसानों को भी खेती के लिए तैयार किया जा रहा है।
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