फॉरेस्ट गार्ड भर्ती: 369 युवाओं ने पास की दौड़, एक अभ्यर्थी हुआ बेहोश

 

 


 हल्द्वानी में गौलापार स्थित अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में वन आरक्षी (फॉरेस्ट गार्ड) के लिए पुरुष अभ्यर्थियों का फिजिकल टेस्ट बुधवार शाम पांच बजे समाप्त हो गया। फिजिकल में 369 युवा सफल रहे। शारीरिक दक्षता परीक्षा में पास युवाओं का फाइनल रिजल्ट करीब डेढ़ महीने के भीतर जारी हो जाएगा।बुधवार सुबह सात बजे से अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में वन आरक्षी के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा शुरू हुई। पहले अभ्यर्थियों की ऊंचाई और चेस्ट नापी गई। इसके बाद अभ्यर्थियों को टोकन देकर और दोनों पैरों में कॉलर आईडी बांधकर दौड़ में शामिल किया गया। फिजिकल में 499 पुरुष अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। इसमें 422 युवा स्टेडियम में पहुंचे। लंबाई और सीने में आठ युवा फेल हो गए। 413 अभ्यर्थियों ने दौड़ में भाग लिया।इसमें 44 अभ्यर्थी समय से दौड़ पूरी नहीं कर पाए और 369 अभ्यर्थी पास हो गए। आयोग की ओर से अभ्यर्थियों को पानी की बोतल, ग्लूकोज दिया गया। मौके पर डॉक्टर और एंबुलेंस भी मौजूद रही। इस दौरान रंजन नैथानी, हरीश चंद्रा, सहायक निदेशक खेल सुरेश पांडे, एसपी सिटी जगदीश चंद्रा आदि मौजूद रहे।

एक अभ्यर्थी हुआ बेहोश


उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी बुधवार को भी भर्ती के दौरान दूसरे दिन भी मैदान में डटे रहे। उन्होंने युवाओं का हौसला बढ़ाया। एक अभ्यर्थी दौड़ पूरी करने के बाद बेहोश हो गया। डॉक्टरों की टीम ने तुरंत उसका इलाज किया। 20 मिनट बाद अभ्यर्थी की सेहत में सुधार हुआ। तब जाकर उसे घर भेजा गया। उधर, भारी गर्मी के बीच तीन अभ्यर्थी डिहाइड्रेशन का शिकार हो गए। डॉक्टरों की टीम ने उन्हें पानी और ग्लूकोज दिया।

पूर्व सैनिकों ने भी लिया भाग


वन आरक्षी की भर्ती में पूर्व फौजियों ने भी भाग लिया। उन्होंने तय समय में आसानी से दौड़ पूरी कर ली। बेरीनाग निवासी पूर्व फौजी बालम सिंह ने कहा कि घर पर खाली बैठने से अच्छा है कि वन आरक्षी बनकर वनों को बचाया जाए। अल्मोड़ा निवासी पूर्व सैनिक दिनेश सिंह ने कहा कि वह वन आरक्षी बनकर विभाग को सेवा देना चाहते हैं। आयोग की ओर से कराए गए फिजिकल टेस्ट में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त थी।

क्या बोले अभ्यर्थी


फिजिकल के दौरान कोई परेशानी नहीं हुई। पहाड़ में भौगोलिक परिस्थितियों के कारण वैसे ही काफी भागदौड़ रहती है। इस कारण दौड़ में परेशानी नहीं हुई। भर्ती होकर वनों को बचाने के लिए कार्य करना चाहता हूं।


- गोविंद सिंह, मुनस्यारी

फिजिकल में पास हो गया हूं। अब फाइनल मेरिट का इंतजार है। शारीरिक दक्षता परीक्षा पास होने से काफी खुश हूं। आयोग की ओर से फिजिकल के दौरान पानी, ग्लूकोज, टेंट आदि की पूरी व्यवस्था की गई थी।


- विपिन कुमार, सितारगंज


Sources:AmarUjala

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