पंचतत्व में विलीन हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम कल्याण सिंह, बेटे ने दी मुखाग्नि
हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के दो बार
के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए। बेटे राजवीर ने
उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान सभी की आंखें नम रही। कल्याण सिंह का अंतिम
संस्कार बुलंदशहर के नरौरा गांव में हुआ। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान
के साथ संपन्न हुआ। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। इनके अलावा केंद्रीय मंत्री स्मृति
ईरानी, पूर्व मंत्री उमा भारती, राज्य के दोनों उपमुख्यमंत्री यानी कि
केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा मौजूद थे। अंतिम समय तक कल्याण सिंह के
आखिरी दर्शन के लिए हजारों लोगों की भीड़ लगी रही।
#WATCH उत्तर प्रदेश: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर को बुलंदशहर के नरौरा में श्रद्धांजलि अर्पित की।
https://twitter.com/i/status/1429745035642163200
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व
राज्यपाल कल्याण सिंह का शनिवार की रात सवा नौ बजे लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई
में निधन हो गया था। वह 89 वर्ष के थे। वह पिछले काफी समय से बीमार थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के कई प्रमुख नेताओं ने रविवार को लखनऊ
पहुंचकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख
नेताओं में शुमार किए जाने वाले कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन कर उन्हें
श्रद्धांजलि दी। रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री के पार्थिव शरीर को अंतिम
दर्शन के लिए विधान भवन और प्रदेश भाजपा कार्यालय में भी रखा गया था।
कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर रविवार की शाम अलीगढ़ के धनीपुर हवाई पट्टी
पर एयर एंबुलेंस से पहुंचा और उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह तथा एटा से भाजपा
सांसद और कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह दूसरे विमान से पहुंचे। रविवार
को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष
जेपी नड्डा और अन्य नेताओं ने लखनऊ में सिंह को श्रद्धांजलि दी। कल्याण
सिंह राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शुमार थे और छह दिसंबर 1992 को
अयोध्या स्थित विवादित ढांचा गिराये जाने के वक्त उत्तर प्रदेश के
मुख्यमंत्री थे। इस घटना के बाद सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया
था। सिंह को पिछली चार जुलाई को संक्रमण तथा स्वास्थ्य संबंधी कुछ अन्य
समस्याएं होने पर एसजीपीजीआई के गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया था।
उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और शनिवार रात उनका
निधन हो गया। पिछले साल सितंबर में भाजपा के दिग्गजों लालकृष्ण आडवाणी और
मुरली मनोहर जोशी के साथ वह विध्वंस के मामले में बरी किए गए जिसमें उनके
समेत 32 अन्य लोगों पर ढांचा ध्वंस का आरोप था। उन्होंने 1990 के दशक
में उत्तर प्रदेश में भाजपा को सत्ता में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
थी।
टिप्पणियाँ