दून स्कूल के छात्रों ने अंतरिक्ष विज्ञान में भरी ‘उड़ान
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में देहरादून के प्रसिद्ध द दून स्कूल के दस छात्रों ने सफलता की उड़ान भरी है। एक साल की कड़ी मेहनत से इन छात्रों ने अंतरिक्ष में छह बस्तियों (सेटलमेंट) के डिजाइन तैयार किए। इसमें मंगल और पृथ्वी के बीच परिवहन के लिए एक लग्जरी स्पेसलाइर तैयार किया है। अपने डिजाइन की बदौलत छात्रों ने इंटरनेशनल स्पेस सेटलमेंट डिजाइन प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त किया है।कैनेडी स्पेस सेंटर फ्लोरिडा में नेशनल स्पेस सोसाइटी (यूएसए) की ओर से हर साल अंतरराष्ट्रीय स्पेस सेटलमेंट डिजाइन प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। कोविड के चलते 28वीं प्रतियोगिता इसबार वर्चुअल आयोजित हुई। इसमें द दून स्कूल के सोहम अग्रवाल, अर्णव प्रताप चौधरी, मयंक अग्रवाल, हर्षवर्धन मस्कारा, श्रीवर कनुडिया, युवराज सारदा, स्पर्श गांधी, रोहन तनेजा, केशव बगरोदिया और स्वानिक गर्ग ने प्रतिभाग किया। एसएसडीसी के रूप में यह विश्वस्तर की अंतर विद्यालय प्रतियोगिता है। भविष्य के अंतरिक्ष शहर के लिए एयरोस्पेस उद्योग इंजीनियरिंग में यह एक अहम कदम है। पिछले चार वर्षों दून स्कूल के छात्र इसमें भाग ले रहे हैं। इसबार के बैच ने प्रतियोगिता जीती है। टीम ने तीन मुश्किल क्वालिफाइंग राउंड पार किए। अंतिम अंतरराष्ट्रीय क्वालीफायर राउंड जीतकर पहली बार फाइनल में जगह बनाई।फाइनल में द दून स्कूल को ‘वल्चर एविएशन कंपनी बनाने के लिए यूएसए, यूके, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, उरुग्वे और फिलिस्तीन की टीमों के साथ जोड़ा गया। इसमें मयंक अग्रवाल ने स्ट्रक्चरल डिजाइन के निदेशक, अर्नव प्रताप चौधरी ने ऑटोमेशन एंड सर्विसेज के निदेशक, युवराज सारदा ने ह्यूमन फैक्टर्स के निदेशक और स्वानिक गर्ग ने कंपनी के लिए सिस्टम इंजीनियर के रूप में कार्य किया। छात्रों ने 31 जुलाई से दो अगस्त तक फाइनल डिजाइन के लिए जीतोड़ मेहनत की और एयरोस्पेस इंडट्री में काम कर रहे दुनिया के अनुभवी निर्णायकों के पैनल के सामने प्रस्तुत दी और बाजी मारी। इसके अतिरिक्त छात्रों ने नौ अलग-अलग देशों की टीमों में सहयोगी की भूमिका भी निभाई। स्कूल प्रबंधन ने छात्रों की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी।
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