तालिबान के संस्थापक मुल्ला बरादर को हक्कानियों ने बनाया बंधक, सुप्रीम लीडर को उतारा मौत के घाट?
क्या अफगानिस्तान के उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर (Abdul Ghani Baradar) को कंधार में बंधक बना लिया गया? क्या तालिबान प्रमुख हैबतुल्ला अखुंदजादा (Hibatullah Akhundzada) की मौत हो गई है? तालिबान अफगानिस्तान पर भले की कब्जा करने और सरकार बनाने में कामयाब हो गया हो लेकिन मौजूदा गुटों के बीच एक आंतरिक दरार उभरने लगी है।
तालिबान में हक्कानियों का दबदबा
ताबिनान से जुड़ी कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यह दावा किया जा रहा है कि तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के नेताओं के बीच सब कुछ ठीक नहीं हैं। दोनों के बीच संघर्ष की स्थिति बनीं हुई है। तालिबान सरकार और वहां कि स्थिति पर लेख लिख रहे विदेशी पत्रकार ने कहा है कि तालिबान के सह-संस्थापक मुल्ला बरादर ने सरकार चलाने की उम्मीद की थी, लेकिन इसके बजाय उन्हें डिप्टी की भूमिका दी गई थी। वह सरकार में अफगानिस्तान के कई जातीय अल्पसंख्यकों के लिए और अधिक भूमिकाएँ चाहते थे और उन्होंने यह भी तर्क दिया है कि हरे, लाल और काले रंग के अफगान राष्ट्रीय ध्वज को अभी भी सफेद तालिबान ध्वज के साथ फहराया जाना चाहिए। उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर की ये बात हक्कानी नेटवर्क के शीर्ष नेताओं को पसंद नहीं आयी और उनका इस बात पर गुस्सा भड़क गया। काफी देर तक दोनों गुटों के बीच अफगानिस्तान पर कब्जा करने का क्रेडिट लेने की बहस चली बाद में गुस्साए लड़ाकों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी।
तालिबान के सुप्रीम लीडर हैबतुल्ला अखुंदजादा की मौत
रिपोर्ट के अनुसार इस महीने की शुरुआत में काबुल में सुनी गई गोलियों की आवाज वास्तव में दो वरिष्ठ तालिबान नेताओं, समूह के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और अफगान तालिबान नेता अनस हक्कानी के बीच सत्ता संघर्ष थी। यह घटना तालिबान नेताओं के बीच पंजशीर स्थिति को कैसे हल किया जाए, इस पर कथित असहमति को लेकर हुई। हक्कानी और बरादर के बीच हुए संघर्ष के बाद मुल्ला बरादर कुछ दिनों के लिए गायब हो गया था। कुछ दिन बाद अफवाहें उड़ी की मुल्ला बरादर की मौत हो गयी है। मुल्ला बरादर ने इस खबर को झूठा बताते हुए बयान जारी किया की वह जहां है सुरक्षित है।
उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर को बनाया बंधक
अब नयी रिपोर्ट के अनुसार ये खबरें सामने आ रही है कि हक्कानी नेटवर्क ने तालिबान के शीर्ष नेता और उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर को बंधक बना लिया है और तालिबान के सुप्रीम लीडर हैबतुल्ला अखुंदजादा को मौत तके घाट उतार दिया है। हक्कानी नेटवर्क की ताकत तालिबानियों से कई ज्यादा है।
तालिबान के नेता हैबतुल्ला अखुंदजादा के ठिकाने का पता नहीं है। उन्हें कुछ समय से देखा या सुना नहीं गया है। लंबे समय से गायब हैबतुल्ला अखुंदजादा को लेकर दावा किया जा रहा है कि वह मर चुका है। एक महीने से अधिक समय हो गया है जब तालिबान ने अमेरिकी सेना की वापसी के बाद अफगानिस्तान सरकार की सेना के खिलाफ आक्रामक और तेजी से आगे बढ़ने के बाद काबुल पर कब्जा कर लिया। काबुल के तालिबान के हाथों में पड़ने और पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार गिरने के बाद पिछले अगस्त में देश संकट में आ गया था।
तालिबान में इस्लामिक स्टेट ने कराये हमले
इसके अलावा आपको बता के की हाल ही में तालिबान में हुए हमलों को लेकर आतंकी संगठन आइएस ने हमले को करवाने का दावा किया है। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने पूर्वी अफगानिस्तान में तालिबान के वाहनों को निशाना बनाकर किए गए सिलसिलेवार हमलों की जिम्मेदारी ली है। आईएस ने अपनी मीडिया इकाई आमाक समाचार एजेंसी की वेबसाइट के माध्यम से रविवार को हमलों की जिम्मेदारी ली जिससे तालिबान को उसके दीर्घकालिक प्रतिद्वंद्वियों की ओर से खतरे का संकेत मिलता है। आईएस के गढ़ माने जाने वाले जलालाबाद में शनिवार और रविवार को हुए हमलों में तालिबान के कई सदस्यों सहित कम से कम आठ लोग मारे गए थे। तालिबान ने अमेरिका और नाटो के सैनिकों की वापसी के बीच पिछले महीने काबुल में प्रवेश कर अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। अफगानिस्तान पर शासन करने के जारी प्रयासों के बीच तालिबान को भीषण आर्थिक एवं सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। आईएस के लगातार जारी हमले उसके लिए और मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। विदेशी सैनिकों के अफगानिस्तान छोड़ने से पहले से ही तालिबान और आईएस के बीच दुश्मनी चली आ रही है। दोनों ही समूह इस्लाम की कठोर व्याख्या करते हैं, लेकिन तालिबान का ध्यान जहां अफगानिस्तान पर नियंत्रण पर केंद्रित है, वहीं आईएस अफगानिस्तान और दुनिया के अन्य हिस्सों में जहां भी है, वहां तथाकथित जिहाद का आह्वान करता है।
Sources:Prabhashakshi Samachar
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