धौलास डबल मर्डर : पति के बयान व नौकर के ठाठ ने उलझाई गुत्थी

 


  देहरादून /  धौलास में हुए दोहरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस की जांच फिलहाल पति के विरोधाभासी बयान और नौकर के ठाठ के बीच उलझी हुई है। दरअसल, पति सुभाष शर्मा के हावभाव और बयान से पुलिस को सबसे ज्यादा संदेह उन्हीं पर है। पुलिस की मानें तो अब तक की जांच में मामला सीधे सीधे निजी संबंध से जुड़ा लग रहा। नौकर राजकुमार की हैसियत शर्मा दंपती के विला में किसी मालिक से कम नहीं थी। विला में सर्वेंट क्वार्टर बना हुआ है, मगर राजकुमार शर्मा दंपती के बेडरूम के बगल वाले कमरे में सोता था।

घर का पूरा हिसाब-किताब व सामान की खरीदारी वही संभाल रहा था। वह अविवाहित बताया जा रहा। चूंकि, महिला के पति के लंदन से लौटने से एक साल पहले से बतौर घरेलू नौकर काम कर रहा था। तब यहां घर में महिला अकेली रहती थी। ऐसे में पुलिस की जांच उन दोनों के संबंधों पर की तरफ भी बढ़ रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मामले के रहस्य से जल्द पर्दा हटा लिया जाएगा और आरोपित गिरफ्त में होंगे। दोहरे हत्याकांड की जांच में पुलिस की जांच घटना के 12 घंटे बाद भी देर रात तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची थी। जांच के आधार पर सिर्फ यही बताया जा रहा कि फिलहाल असल संदेह के घेरे में मृतका का पति सुभाष शर्मा है। पुलिस लगातार सुभाष से पूछताछ कर रही, लेकिन पुलिस की मानें तो वह इसमें सहयोग नहीं कर रहे। पुलिस के अनुसार बार-बार बेसुध हो जा रहे और फिर एक से डेढ़ घंटे बाद बोलने की स्थिति में आ रहे हैं। महज चार-पांच मिनट बात कर वह फिर बेसुध हो जा रहे।यह स्थिति वास्तव में उनके बीमार होने की वजह से है या फिर वह पुलिस को गुमराह कर रहे हैं, इसमें पुलिस उलझी हुई है। प्रेमनगर थानाध्यक्ष कुलदीप पंत के साथ एसओजी व पांच टीमों को दोहरे हत्याकांड की जांच में लगाया गया है। शर्मा ने पुलिस को यह बताया कि उन्होंने कोई शोर-शराबा सुना ही नहीं, न ही कोई बाहर से आया या उन्होंने किसी को भागते हुए देखा। दोनों शव रसोई से महज दस फीट की दूरी पर थे। यह कैसे हो सकता है कि शर्मा ने कोई आवाज नहीं सुनी। शुरुआत में उन्होंने रोते हुए पुलिस से बताया कि उन्होंने पत्नी का शव नहीं देखा। फिर कुछ देर बाद ही उन्होंने यह बोला कि उनकी पत्नी को बेहरमी से मारा गया। सिर पर गहरा घाव है। ऐसे में पुलिस जांच कर रही कि जब सुभाष ने शव देखा ही नहीं तो उन्हें घाव की जानकारी कैसे मिली।

नौकर का 25 हजार था वेतन

नौकर राजकुमार का वेतन 25 हजार रुपये था। पुलिस जांच में मालूम चला कि नौकर का अधिक वेतन उन्नति ने ही तय कर रखा था। घर के सारे कामकाज की बागडोर भी उन्नति ने ही उसे दी हुई थी। स्थानीय नागरिकों से पूछताछ में पुलिस को यह भी पता चला कि 55 साल की उन्नति अपने रहन-सहन पर खास ध्यान देती थीं।

नौकर की पहले हुई हत्या

प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस की मानें तो नौकर राजकुमार की हत्या पहले हुई। उसके शव की स्थिति व अकड़ाहट को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है। वहीं, उन्नति को बाद में मारा गया। जिस पालीथिन से शव को ढका गया था, वह शीशे की पैकिंग पर लगकर आई थी। आजकल उनके विला में शीशे का काम चल रहा था।

बच्चों को भी नहीं दी सूचना

पुलिस के मुताबिक पत्नी की मृत्यु के बाद सुभाष शर्मा ने अपने बच्चों को फोन कर सूचना तक नहीं दी। माना जा रहा कि बच्चों और दंपती के संबंध ठीक नहीं चल रहे थे। जांच में यह भी पता चला कि बीते आठ-दस साल में बच्चे एक बार भी यहां नहीं आए। हालांकि, एक स्थानीय ग्रामीण के पास उनके बेटे का नंबर था। उसने उसे फोन कर सूचना दे दी। इसके बाद बेटे का फोन पिता को आया।

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