कई राज्यों के कारीगर हुनर के साथ उम्मीदें लेकर 'हुनर हाट' पहुंचे

 


 अपने हुनर के साथ उम्मीदों की पोटली बांधकर देशभर से कारीगर, शिल्पकार देहरादून में आयोजित हुनर हाट पहुंचे हैं। कोरोना के कारण उपजे हालात से उभरने के लिए कारीगरों को हुनर हाट से बड़ी उम्मीदे हैं। पहली बार दून में अपना सामान लेकर पहुंचे कारीगरों का कहना है कि उन्हें अब थोड़ा रोशनी दिखाई दे रही है।जबकि इससे पूर्व भी दून में प्रदर्शनी लगा चुके कारीगरों का कहना है कि वह जब भी यहां आए हैं उन्हें अच्छा लाभ मिला है। 

इसलिए इस बार भी उन्हें फायदा की उम्मीद है। शुक्रवार को श्री गुरुनानक पब्लिक गर्ल्स इंटर कॉलेज ग्राउंड बन्नू स्कूल रेसकोर्स में हुनर हाट का शुभारंभ हुआ। वोकल फॉर लोकल पर आधारित इस हुनर हाट में हस्तनिर्मित और दुर्लभ उत्पाद लाए गए हैं। विरासत, कला और शिल्प को पुनर्जीवित करने की दिशा में हेरिटेज टेल्स की पहले संस्करण की शुरुआत की गई। देश की समृद्ध हस्तशिल्प विरासत को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से आयोजित प्रदर्शनी में हैंडमेड कपड़ों से कढ़ाई तक, हस्तशिल्प के गहने से लेकर स्टोनवर्क, जैविक काजल सहित कई उत्पाद मिले। इस दौरान आयोजक अमृता राणा ने कहा कि प्रदर्शनी खरीदारों और विक्रेताओं दोनों के लिए एक अच्छा अवसर है। जो हमारी पहचान और हमारे देश की विरासत को व्यक्त करते हैं।

 शुक्रवार को शहरभर के कई लोग प्रदर्शनी देखने पहुंचे। प्रदर्शनी का समापन कल होगा।असम से पहुंचे कारीगर बाशेद अली और उनके साथियों द्वारा तैयार बांस, जूट के उत्पाद में उनका अद्भुत कौशल दिखाई दिया। अली बताते हैं कि उनका पूरा गांव यही काम करता है। वह उनके उत्पादों को लेकर भी यहां आए है। कोरोना के कारण बीते साल से कामकाज चौपट है। ऐसे में घर परिवार चलाना भी मुश्किल रहा, लेकिन अब उन्हें थोड़ी उम्मीद नजर आने लगी है।



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