रामपुर-काठगोदाम के बीच रेलवे ट्रैक से मिट्टी खिसकी, नई दिल्ली शताब्दी सहित आठ ट्रेनें रद
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण रामपुर काठगाेदाम के बीच रेलवे ट्रैक से मिट्टी खिसकी गई है। इस कारण रेलवे ने नई दिल्ली-काठगोदाम शताब्दी सहित कुल चार जोड़ी (आठ ट्रेनें) रद कर दी है। मंगलवार को पूर्वोत्तर रेलवे ने रेल मार्ग बंद होने पर काठगोदाम-दिल्ली संपर्कक्रांति(05036-35 ) काठगोदाम से देहरादून नैनी जनशताब्दी(02092-91) को रद किया। इसके साथ जुड़ने वाली पैसेंजर रामनगर-मुरादाबाद पैसेंजर के अलावा मुरादाबाद से काठगोदाम के बीच आने जाने वाली जोड़ी पैसेंजर ट्रेन को रद किया गया है। इसके अलावा हावड़ा से काठगोदाम आ रही बाघ एक्सप्रेस - 03019 को रामपुरऔर जैसलमेर से काठगोदाम जा रही रानीखेत-05013 को आज रुदपुर में रद करने के आदेश दिए गए हैं। जबकि नई दिल्ली से काठगोदाम जा रही शताब्दी-02040 को मुरादाबाद में रद करना पड़ा। मुरादाबाद में ट्रेन को बीच रास्ते रद करने से सैकड़ों रेल यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हल्द्वानी, काठगोदाम जाने वाले यात्रियों को मनमाने किराए पर निजी टैक्सियों से आगे का सफर तय करना पड़ा। मुरादाबाद के सीनियर डीसीएम सुधीर सिंह का कहना है कि रेल मार्ग बंद होने से मंडल में गाड़ियों को शार्ट टर्मिनेट किया गया।करीब चौदह घंटों से लगातार जारी बारिश ने अक्तूबर में नैनीझील के जलस्तर के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले। सिंचाई विभाग के अनुसार शाम करीब पांच बजे तक नैनीताल में 200 मिमी बारिश दर्ज हो चुकी थी। जिस कारण झील का जलस्तर पर 12.2 फीट के ऑल टाइम हाई रिकॉर्ड को पार कर गया। जिससे झील का पानी ओवरफ्लो होकर माल रोड तक पहुंच गया। इससे पहले अक्तूबर 1998 में सबसे अधिक 106 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। तब जलस्तर 11.5 फीट पहुंचने पर झील का पानी ओवरफ्लो हुआ था। झील ओवरफ्लो होने से नैना देवी मंदिर, गुरुद्वारा सहित नैनीताल डाट पर माल रोड का काफी हिस्सा पानी में डूब गया है। झील के निकासी गेटों को पूरी क्षमता से खोल दिया गया था, फिर भी लगातार जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। इस कारण पानी नयना देवी मंदिर परिसर के भीतर तक घुस गया है। परिसर में पानी की तलैया बनने से मंदिर प्रबंधन और आसपास के लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने बताया कि नैनीताल की ओर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है। झील किनारे रह रहे सभी लोगों को अलर्ट किया गया है। संबंधित अधिकारी राहत कार्य में जुटे हैं। शहर के तीनों मार्गों को खुलवाने के लिए जेसीबी भेजी गई है।मूसलाधार बारिश के कारण नैनीताल के सभी नाले पूरे दिन उफान पर रहे। यहां घूमने आए पर्यटक मौसम का यह रूप देखकर पूरे दिन होटलों में दुबके रहे। पर्यटक वाहनों को पहाड़ की ओर भी नहीं जाने दिया गया। नैनीताल के लोग भी घरों में ही दुबके रहे। सरकारी कार्यालयों में भी पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा।
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