पुलिस के समक्ष पेश हुआ मुख्य आरोपी आशीष

 

 



लखीमपुर खीरी मामले का आरोपी आशीष मिश्रा क्राइम ब्रांच के सामने आखिरकार पेश हो गया है। मजिस्ट्रेट के सामने पुलिस अधिकारियों ने आशीष से पूछताछ की। वहीं उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा समेत तमाम पार्टियों पर निशाना साधा और कोरोना के दौरान हुई मौतों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से गंगा और यमुना में शव तैर रहे थे उनके लिए सरकार लकड़ी तक मुहैया नहीं करा पाई और अंत में बात कांग्रेस की करेंगे। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा क्राइम ब्रांच के सामने आखिरकार पेश हो गए। दरअसल, पुलिस ने शुक्रवार को सुबह 10 बजे पेश होने को कहा था लेकिन तबीयत का हवाला देते हुए आशीष पेश नहीं हुए। जिसके बाद पुलिस ने दोबारा नोटिस जारी किया।हालांकि आशीष मिश्रा क्राइम ब्रांच के सामने पेश हो गए लेकिन उनके समर्थक भाजपा दफ्तर के सामने हंगामा कर रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानून हाथ में लेने की छूट किसी को नहीं है, लेकिन किसी के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना दु:खद और दुर्भाग्यपूर्ण हैं, सरकार उसकी तह तक जा रही है। लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है, जब कानून सबको सुरक्षा प्रदान करने की गारंटी दे रहा है, तो किसी को भी अपने हाथ में कानून लेने का अधिकार नहीं है, चाहे वह कोई भी हो।एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में मुख्यमंत्री ने बताया कि राजनीतिक भाषण और धमकी, दोनों में अंतर होता है। राजनीतिक भाषण राजनीतिक मंचों से होता है और यह केवल भाजपा का कोई नेता ही दे रहा हो, ऐसा नहीं है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर तमाम पार्टियों ने अपनी-अपनी रणनीतियां बना ली हैं। इसी बीच बसपा प्रमुख मायावती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को लेकर किसान अभी भी आक्रोशित और आंदोलित दिखाई दे रहे हैं।मायावती ने कहा कि किसानों का काफी ज्यादा शोषण हो रहा है। इस मामले में लखीमपुर खीरी की घटना ताजा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि कोरोना नियमों की आड़ में मौजूदा सरकार हम लोगों को काफी परेशान कर सकती है। ऐसे में पार्टी के लोग कोरोना नियमों का पालन करते रहें।मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने पलायन कर रहे लोगों की मदद नहीं की। ऐसे में यह लोग लॉकडाउन के खत्म होते ही रोजी रोटी के लिए दूसरे राज्यों में चले गए। दुख की बात तो यह भी है कि कोरोना से जिन लोगों की मौत हुई है उनके दाह संस्कार के लिए भाजपा सरकार ने लकड़ी तक का प्रबंधन नहीं किया था। जिसकी वजह से शव गंगा-यमुना नदी नालों में बहते हुए नजर आए हैं। इससे इनके संस्कारों का भी काफी कुछ पता चलता है। ऐसा नहीं है मायावती ने सिर्फ भाजपा पर निशाना साधा है बल्कि उन्होंने तो तमाम पार्टियों का घेरा है। कांग्रेस ने पंजाब और छत्तीसगढ़ में जारी अंतर्कलह के बीच अगले सप्ताह कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाने का फैसला किया है। बैठक में अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी की जगह कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव के विवादास्पद मुद्दे पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है।आपको बता दें कि कांग्रेस महामारी का हवाला देकर कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को टाल रही थी। जिसकी वजह से कांग्रेस का एक धड़ा नाराज चल रहा था, जिसे जी 23 का नाम दे दिया गया था हालांकि इन 23 नेताओं में शामित जितिन प्रसाद ने पार्टी का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था।दरअसल, एक हफ्ते पहले ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी पर निशाना साधा था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि मुझे पता है फैसले कौन ले रहा है और नहीं भी पता है। इतना ही नहीं जी 23 के नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने पर भी नाखुश हैं।

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