गोरखपुर: असली पुलिस पर भारी पड़ रही ‘‘नकली पुलिस’’
गोरखपुर / गोरखपुर की पुलिस के लिए चार साल से 'नकली पुलिस' चुनौती बनी है।दूसरे जिले व राज्य से खरीदारी करने शहर में आने वाले व्यापारी इस गिरोह के निशाने पर होते हैं। पुलिसकर्मी चार माह में आठ वारदात कर चुका है यह गिरोहपिछले चार माह में यह गिरोह शहर में आठ वारदात कर चुका है। कई जगह सीसी कैमरे में इनकी कारतूत और घटना में इस्तेमाल हुई बाइक की तस्वीर कैद हुई। फुटेज की मदद से पुलिस ने फोटो बनवाकर खोजबीन की लेकिन पता नहीं चला।पहचान न हो पाने की वजह से बदमाशों पर इनाम भी घोषित नहीं हुआ। गिरोह को पकडऩे के लिए दो साल पहले पुलिस अधिकारियों ने एसटीएफ व क्राइम ब्रांच की टीम को भी लगाया। कार्ययोजना तैयार होने के बाद टीम ने काम किया लेकिन सफलता नहीं मिली।
चिन्हित किए गए हैं 12 हाटस्पाट
शहर में लगातार हो रही लूट व टप्पेबाजी की वारदात के बाद बदमाशों पर शिकंजा कसने के लिए गोरखपुर पलिस ने रणनीति तैयार की।क्राइम ब्रांच व स्थानीय पुलिस की मदद से शहरी क्षेत्र में 12 ऐसे हाटस्पाट चिह्नित किए गए हैं, जहां एक साल में सबसे ज्यादा लूट व टप्पेबाजी की घटनाएं हुई।तय हुआ था कि इन स्थानों पर सादी वर्दी में पुलसकर्मी तैनात किए जाएंगे। लेकिन एसएसपी के इस आदेश पर अमल में नहीं हुआ।
हाल के दिनों हुई वारदात
16 अक्टूबर : बोक्टा के पास महिला बीईओ पीआरडी का पर्स छीना।
11 अक्टूबर : शाहपुर के एचएन ङ्क्षसह चौराहे पर बुजुर्ग से 1.50 लाख छीना।
10 अक्टूबर : रामजानकी नगर में डिक्की तोड़कर 55 हजार रुपये ले भागे।
25 सितंबर : मोहद्दीपुर में डिक्की तोड़कर 2.60 लाख रुपये उड़ाया।
11 अगस्त : कैंट क्षेत्र में सरिया व्यापारी की कार से 4.10 लाख ले भागे।
सात अगस्त : आजादनगर में सेवानिवृत्त रेलकर्मी के एक लाख रुपये उड़ाया।
पांच अगस्त : ङ्क्षसघडिय़ा में व्यापारी के मुनीम से 1.18 लाख की ठगी।
29 जुलाई : रेती रोड पर गोपालगंज के व्यापारी का 70 हजार रुपये चुराया।
पुलिसकर्मी बताकर चोरी व टप्पेबाजी करने वाले गिरोह की तलाश चल रही है। घटनास्थल के पास मिले सीसीटीवी फुटेज व पुरानी घटनाओं में तैयार कराए गए स्कैच की मदद ली जा रही है। जल्द ही बदमाशों को पकड़ लिया जाएगा।
- डा. विपिन ताडा, एसएसपी।
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