कल जारी रहेगी सुनवाई, नहीं मिलीआर्यन खान को आज भी जमानत



मुंबई / मुंबई क्रूज ड्रग मामले में बांबे हाईकोर्ट अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा है। नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने बांबे हाई कोर्ट में दिए गए अपने हलफनामे में आर्यन खान का संबंध अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सिंडीकेट से बताते हुए उनकी जमानत का विरोध किया है। एनसीबी ने तर्क दिया कि आर्यन को जमानत दिया जाना इस मामले की जांच को पटरी से उतार सकता है। दूसरी तरफ, जमानत पर बहस करते हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि आर्यन अभी युवा हैं। उन्हें जेल के बजाय पुनर्वास केंद्र भेजा जाना चाहिए।आरोपी आर्यन खान, मुनमुन धमेचा और अरबाज मर्चेंट के वकीलों ने बांबे हाई कोर्ट के सामने अपनी जमानत अर्जी पर बहस पूरी की, एनसीबी के लिए एएसजी अनिल सिंह कल दलीलों का जवाब देंगे।आरोपी मुनमुन धमेचा के वकील काशिफ खान देशमुख ने बांबे हाई कोर्टके समक्ष अपनी जमानत के लिए बहस करते हुए कहा कि मैं एक फैशन मॉडल हूं और स्टेज शो और रैंप वॉक करता हूं। मुझे अपने पेशेवर के दायित्व के लिए क्रूज पर एक व्यक्ति द्वारा आमंत्रित किया गया था। आर्यन खान के वकील मुकुल रोहतगी अब दलील दे रहे हैं। उन्होंने बांबे हाई कोर्ट से गिरफ्तारी मेमो को फिर से देखने का अनुरोध किया। वह बताते हैं कि आर्यन खान की गिरफ्तारी के समय साजिश का कोई आरोप नहीं था। अमित देसाई ने कहा कि जहां तक व्हाट्सएप चैट की बात है तो यह बिल्कुल साफ है कि एक भी चैट ऐसी नहीं है जो इस मामले में कांसपिरेसी थ्योरी का समर्थन करती हो। हम मीडिया ट्रायल की समस्या से जूझ रहे हैं।



अमित देसाई ने कहा कि गिरफ्तारी ज्ञापन में केवल ड्रग्स की व्यक्तिगत सेवन की बात है। गिरफ्तारी ज्ञापन से पता चलता है कि इसमें कोई साजिश नहीं थी। सेवन का पता लगाने के लिए मेडिकल टेस्ट किया गया था। एनडीपीएस अधिनियम की धारा 27 के तहत एक अपराध के लिए गिरफ्तारी हुई। गिरफ्तारी ऐसे गुनाह के लिए हुई जो हुआ ही नहीं।अमित देसाई ने आगे कहा कि इन 3 व्यक्तियों का गिरफ्तारी ज्ञापन स्पष्ट रूप से बताता है कि उन्हें साजिश के लिए नहीं बल्कि रखने / सेवन के लिए गिरफ्तार किया गया था। बाद में साजिश जोड़ी गई। विशेष अदालत को अभियोजन द्वारा गुमराह किया गया था कि उन्हें साजिश के लिए गिरफ्तार किया गया था। अरबाज मर्चेंट के वकील अमित देसाई ने कहा कि कहा कि गिरफ्तारी अवैध थी। मैं सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले की ओर इशारा करता हूं जो कहता है कि गिरफ्तारी एक बहुत ही कठिन कदम है और इसका प्रयोग केवल आरोपित को एक और अपराध करने से रोकने या उसे कानून से भागने से रोकने के लिए किया जाना चाहिए। अर्नेश कुमार केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया फैसला बताता है कि इस तरह के मामूली अपराधों के मामलों में 7 साल से कम की सजा होती है।बांबे हाईकोर्ट में आर्यन खान और अन्य आरोपियों की जमानत अर्जी पर सुनवाई हो रही है। अरबाज मर्चेंट की जमानत के लिए वरिष्ठ वकील अमित देसाई ने दलीलें पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 3 अक्टूबर को बरामद वस्तुओं के आकलन के आधार पर, केवल ड्रग्स सेवन का आरोप लगाया गया था। अगर उस समय कोई साजिश नहीं थी, तो बाद में साजिश की बात कैसे आई? आर्यन खान के वकील मुकुल रोहतगी बांबे हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। थोड़ी देर में आर्यन खान की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी।

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