अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से वेस्टइंडीज खिलाड़ी ब्रावो के संन्यास की घोषणा
अबुधाबी / वेस्टइंडीज के दिग्गज हरफनमौला ड्वेन ब्रावो अपने क्रिकेट करियर को गौरवान्वित करने वाला बताते हुए यूएई में खेली जा रही आईसीसी टी20 विश्व कप के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की। इस 38 साल के खिलाड़ी ने पहले भी संन्यास लिया था लेकिन 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में फिर से वापसी की थी। वह मौजूदा टी20 विश्व कप में टीम के अहम सदस्य हैं। हालांकि गुरुवार को श्रीलंका के खिलाफ हार के साथ टीम सेमीफाइनल दाौड़ से बाहर हाो गयी। श्रीलंका ने सुपर 12 चरण के इस मैच को 20 रन से अपने नाम किया।वेस्टइंडीज के लिए चार मैचों में यह तीसरी हार थी और टीम को अब शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना है जो ब्रावो का आखिरी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला होगा।
लगभग 17 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले ब्रावो ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि समय (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने का) आ गया है। मेरा करियर बहुत अच्छा रहा है। 18 वर्षों तक वेस्टइंडीज का प्रतिनिधित्व करते हुए कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो इतने लंबे समय तक उस क्षेत्र और कैरेबियाई लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए मैं बहुत आभारी हूं।’’ ब्रावो ने श्रीलंका के मैच के बाद कहा, ‘‘ आईसीसी के तीन खिताब जीतने पर मुझे काफी गर्व है।
इसमें से दो मैंने यहां बांयी ओर खड़े मेरे कप्तान (डेरेन सैमी) के नेतृत्व में जीते है। इस बात पर मुझे गर्व है कि हम क्रिकेटरों के ऐसे युग का हिस्सा रहे जो वैश्विक मंच पर अपना नाम बनाने में सक्षम थे।’’ इससे पहले पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के दौरान कप्तान कीरोन पोलार्ड ने कहा था कि ब्रावो कैरेबियाई धरती पर अपना आखिरी टी20 अंतरराष्ट्रीय खेल खेल रहे थे। ब्रावो ने सभी सात टी20 विश्व कप में भाग लिया है और 2012 और 2016 में वेस्टइंडीज को चैम्पियन बनने में मदद की।उन्होंने अपनी टीम के लिए 90 टी20 अंतरराष्ट्रीय में 1245 रन बनाए और 78 विकेट लिए। साल 2004 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले ब्रावो ने 40 टेस्ट में 31.42 की औसत से 2200 रन बनाने के साथ 86 विकेट भी लिये है। उनके नाम 164 एकदिवसीय में 199 विकेट और 2968 रन है। ब्रावो ने हालांकि माना कि टी20 विश्व कप में उनकी टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा।
उन्होंने युवा खिलाड़ियों का समर्थन करते हुए कहा, ‘‘ मैं अब अपने अनुभव को युवा खिलाड़ियों के साथ साझा करने की कोशिश करूंगा। मुझे लगता है कि सफेद गेंद के प्रारूप में वेस्टइंडीज क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल है और हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम खिलाड़ियों का समर्थन और उन्हें प्रोत्साहित करते रहें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ यह विश्व कप वैसा नहीं था जिसकी हमें उम्मीद थी। हमें इस पर निराश नहीं होना चाहिए, यह एक कठिन प्रतियोगिता थी।
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