होश उड़ाने वाली है पेंटागन की रिपोर्ट , बड़ा खतरा बनता जा रहा है भारत के लिए चीन !
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने चीन को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें चीन के सैन्य मिशन और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में बढ़ते प्रभाव से लेकर नए समय में शुरू की गई उसकी योजनाओं तक हर चीज के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसमें ताइवान संकट भारत-चीन सीमा तनाव के साथ-साथ पिछले साल पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के अलग-अलग अभ्यासों के पैटर्न पर डाटा भी दिया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन नहीं चाहता कि अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते बेहरत हो। इसलिए वो भारत को रोकना चाहता है। भारत के लिए चीन बड़ा खतरा बनता जा रहा है।
चीन को लेकर पेंटागन की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि एलएसी पर तेजी से सैन्य साजो सामान जुटा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने तिब्बत के विवादित क्षेत्र में भारत के अरुणाचल प्रदेश के नजदीक करीब 100 घरों वाला एक गांव बना लिया है। सीमावर्ती इलाके में बना ये गांव सुविधाओँ से परिपूर्ण है और युद्ध की स्थिति में सेना को सहायता प्रदान कर सकता है। चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब बुनियादी सुविधाओं के विकास को लेकर अक्सर भारत पर आरोप लगाता रहता है। जबकि वास्तव में चीन यह कार्य खुद तेजी से कर रहा है। कई इलाकों में वह रेलवे लाइन भी बिछा चुका है जिस पर तेज गति से ट्रेन चल सकती हैं। पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमा पर तनाव कम करने के लिए चल रही राजनयिक और सैन्य बातचीत के बावजूद चीन ने भारत के साथ एलएसी पर अपने दावों को साबित करने के लिए सामरिक कार्रवाई करना जारी रखा है।
पेंटागन ने कहा कि मई 2020 की शुरुआत में, चीनी सेना ने सीमा पार से भारतीय नियंत्रित क्षेत्र में घुसपैठ शुरू की और एलएसी पर गतिरोध वाले कई स्थानों पर सैनिकों को तैनात किया। जून 2021 तक, चीन और भारत ने एलएसी पर बड़े पैमाने पर तैनाती जारी रखी थी। इसके अलावा, तिब्बत और शिनजियांग सैन्य जिलों से एक पर्याप्त रिजर्व बल पश्चिमी चीन के अंदरुनी हिस्सों में तैनात किया गया था ताकि त्वरित प्रतिक्रिया के लिये तैयार रहा जा सके। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी। 1975 के बाद एलएसी पर जान जाने का यह पहला मामला था। इसके साथ ही चीन ने अमेरिका के साथ भारत के रिश्तों को गहरा करने से रोकने की पूरी कोशिश की है।
रक्षा विभाग ने अमेरिकी कांग्रेस को बताया, पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) नहीं चाहता कि सीमा विवाद के चलते भारत और अमेरिका और निकट आएं। पीआरसी अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों को भारत के साथ पीआरसी के संबंधों में हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी दी है। पेंटागन नियमित रूप से पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन तनाव और सैन्य गतिरोध पर अमेरिकी कांग्रेस को रिपोर्ट सौंपता है। पेंटागन ने कहा कि चीन अपने पड़ोसियों खासकर भारत के साथ आक्रामक व्यवहार कर रहा है। अपने पड़ोसियों को डराने के लिए चीन ने तिब्बत और शिनजियांग में मौजूद सुरक्षाबलों को पश्चिमी चीन में भेज दिया। ताकी उनकी सीमा पर तैनाती हो सके।
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