अपराधियों को अब मिसकाल से पकड़ेगी उत्तराखंड पुलिस
देहरादून / रात के समय अपराध कर दूसरे राज्यों में भागने की कोशिश करने वाले अपराधियों को अब पुलिस मिसकाल से पकड़ेगी। सुनने में यह बात थोड़ी अजीब जरूर लग रही है, लेकिन यह बात बिल्कुल सही है। डीआइजी जन्मेजय खंडूडी ने रात के समय पिकेट पर ड्यूटी कर पुलिसकर्मियों को निर्देश जारी किए हैं कि रात के समय घूमने वाले व्यक्तियों के मोबाइल नंबर रजिस्टर में दर्ज करने की बजाए उनसे अपने फोन पर मिसकाल करवाएं।इससे संबंधित व्यक्ति का सही नंबर पुलिसकर्मी के पास आ जाएगा, और यदि किसी काल डिटेल रिकार्डिंग (सीडीआर) में यदि उसका नंबर आता है, तो उसे गिरफ्तार करने में भी आसानी होगी।
दरअसल अब तक पिकेट व रात में ड्यूटी कर रहे पुलिस मुलाजिम रात के समय बाहर घूमने वाले व्यक्तियों के मोबाइल नंबर रजिस्टर में दर्ज करवाते थे। कई बार शातिर गलत नंबर दर्ज करके भाग जाते थे। ऐसे में डीआइजी ने इसका तोड़ निकाला है कि यदि रात के समय घूमने वाला व्यक्ति अपने फोन से पुलिसकर्मी के फोन पर मिसकाल करता है तो उसका रिकार्ड पुलिस के पास आ जाएगा।राजधानी में अधिकतर वारदातों को अंजाम पश्चिमी यूपी के बदमाश देते आ रहे हैं। वह घटना को अंजाम देने के लिए देहरादून पहुंचते हैं और वारदात करके फरार हो जाते हैं। ऐसे में पुलिस को उन्हें ढूंढने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। ऐसे में यदि नाकेबंदी के दौरान उनके नंबर पुलिसकर्मियों के पास आ जाएंगे तो पुलिस को उन्हें ढूंढने में आसानी होगी।पुलिस की ओर से शुरू किए गए इस नई तकनीकी के बाद एक मर्डर के एक केस को खोलने में पुलिस को सफलता भी मिल चुकी है। 22 अक्टूबर को आरोपित मंजीत गोलियां प्रेमनगर में एक युवक की हत्या करके फरार हो गया था। रात को जब वह सहसपुर नाके पर पहुंचा तो पुलिस ने उसकी चेकिंग की।
उसके बैग से एक मंकी कैप बरामद हुई, जिसके कारण पुलिस को उस पर थोड़ा शक हुआ।नाकाबंदी में तैनात पुलिसकर्मी ने मंजीत को अपने मोबाइल पर फोन करने को कहा। शक होने पर पुलिस ने उसने थाने में बैठा दिया। सुबह जब काल डिटेल रिकार्ड की डिटेल आई तो उसमें एक पुलिसकर्मी का नंबर भी आ गया। प्रेमनगर पुलिस ने जब पुलिसकर्मी से फोन के बारे में पूछा तो पुलिसकर्मी ने बताया कि जिस व्यक्ति ने फोन किया वह थाने में बैठा रखा है। तब पता चला कि आरोपित प्रेमनगर से मर्डर करके भागा हुआ है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।एसएसपी देहरादून जन्मेजय खंडूड़ी का कहना है कि अपराधियों का रिकार्ड हासिल करने के लिए मिसकाल तकनीक शुरू की गई है। यदि अपराधी का सही मोबाइल नंबर पुलिस के पास आ जाता है तो उसे ढूंढने में आसानी होगी। प्रेमनगर में हुए मर्डर का पर्दाफाश भी इसी तकनीकी से हुआ है।
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