कड़वा सच: उत्तराखण्ड में सुख-समृद्धि के मामले में नीति आयोग के आंकड़े फुला रहे सांसें,अल्मोड़ा,चमोली और बागेश्वर में सबसे ज्यादा गरीब
सुख-समृद्धि के मामले में उत्तराखंड में नेता-मंत्रियों के बराबर फलने-फूलने वाले केवल सरकारी अफसर ही हैं। जबकि राज्य की करीब 17.87 लाख की आबादी गरीबी में जी रही है। उत्तराखंड में सबसे गरीब जिला अल्मोड़ा पाया गया है। यहां 25.65% आबादी गरीब पायी गई है। यह खुलासा नीति आयोग की रिपोर्ट में हुआ है। आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक गरीबी के मामले में बिहार (51.91%) पहले और झारखंड (42.16%) दूसरे पायदान पर हैं।इस फेहरिस्त में उत्तराखंड 15वें स्थान पर आया है। उत्तराखंड की 17.87 लाख आबादी गरीब है। हैरान करने वाली बात यह है कि उत्तराखंड के 6 जिले ऐसे हैं, जिनका गरीबी सूचकांक 20% से भी अधिक है। यानि इन छह जिलों का गरीबी सूचकांक राज्य के औसत सूचकांक से भी अधिक है। जबकि, नेता-मंत्री, सीएम हर साल विकास के नाम पर करोड़ों रुपये की घोषणाएं करते रहे हैं।ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर विकास का ये पैसा किसकी जेब में जा रहा है? सूचकांक के अनुसार, अल्मोड़ा जिले में डेढ़ लाख लोग गरीबी में जिंदगी गुजर-बसर कर रहे हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, अल्मोड़ा की जनसंख्या 6 लाख 22 हजार 506 है। उत्तराखंड के 6 जिलों में गरीबी सूचकांक 20% से भी ऊपर है। कुमाऊं के अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत, ऊधमसिंह नगर और गढ़वाल के हरिद्वार, उत्तरकाशी जिले की 20% आबादी गरीब है।
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