दो दिन के दौरे पर उत्तराखंड पहुंची निर्वाचन आयोग की टीम, विधानसभा चुनाव जल्द कराने के पक्ष में सियासी दल

 


 भाजपा और कांग्रेस ने प्रदेश में विधानसभा चुनाव शुरुआती चरण में कराने का सुझाव दिया है। सियासी दलों ने निर्वाचन आयोग को चुनाव खर्च की सीमा ओर प्रचार के लिए तय पांच लोगों की संख्या भी बढ़ाने की मांग की है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव तैयारी परखने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की टीम दो दिनी दौरे पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा के नेतृत्व में देहरादून पहुंच गई है। पहले दिन शाम को आयोग ने अलग अलग सियासी दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर, उनके सुझाव लिए। भाजपा की तरफ से विधायक विनोद चमोली, प्रदेश कोषाध्यक्ष पुनीत मित्तल ने आयोग को शुरुआती चरण में चुनाव कराने का सुझाव दिया। पुनीत मित्तल ने बताया कि पार्टी की तरफ से चुनाव सामग्री के तय दरों को बढ़ाने के साथ ही, प्रचार के लिए अधिकतम पांच लोगों की संख्या बढ़ाने की भी मांग की है। भाजपा ने आयोग को कोविड की नई गाइडलाइन का इंतजार करने का सुझाव दिया है। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने पूर्वमंत्री नवप्रभात के नेतृत्व में आयोग से मुलाकात की। कांग्रेस ने भी विधानसभा चुनाव शुरुआती दौर के साथ ही एक ही चरण में कराने को कहा। कांग्रेस प्रवक्ता राजेश चमोली के मुताबिक पार्टी ने पिछले चार चुनावों के समान ही चुनाव कार्यक्रम रखने का सुझाव दिया है, साथ ही मौसम का आंकलन भी करने को कहा है। कांग्रेस ने वीवीपीएट मशीन के इस्तेमाल के साथ ही बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को घर पर मतदान की जानकारी भी गांव-गांव तक पहुंचाने की मांग की है। वाम दलों ने मतदान के दिन बूथों पर राजनैतिक पार्टी के बस्तों और एक प्रत्याशी के दो जगह से चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग आयोग के सामने उठाई है। वाम दलों की तरफ से सुरेंद्र सिंह सजवाण और अनन्त आकाश ने आयोग को ज्ञापन दिया।

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