ऐतिहासिक झण्डा सरोवर के करीब बना शौचालय स्मार्ट सिटी की उड़ा रहा खिल्ली

 


देहरादून। अभी हाल ही में देहरादून सबसे स्वच्छ शहरों की फेहरिस्त में 100 अंको की छलांग लगाकर अपना नाम दर्ज करा चुका है, लेकिन आंकड़ों का खेल और सच के मेल मे बहुत बड़ा अन्तर होता है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला स्मार्ट सिटी देहरादून के ऐतिहासिक झण्डा मेले सरारेवर के पास जो धर्मिक झण्ड़े मेले की शान पर ग्रहण लगा रहा है। आपको बता दे कि हर साल यहां पर झण्ड़े साहब का आरोहण होता है और दूर दराज से अकीदतमंद इसमें शिरकत करते हैं लेकिन एक मुहावरा है कि ‘‘शनील में टाट का पैबन्द’’ ऐसा ही पैबन्द बना है इस ऐतिहासिक सरोवर के पास बना पेशाबघर जिससे आने वाली दुर्गंध से लोगों को असहजता का सामना करना पड़ता है। आलम ये है कि जिन दिनों में झण्ड़े साहब का आरोहण होता है उस वक्त यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं ऐसे में आने वाले श्रद्धालुओं को अपनी नाक बन्द करनी पड़ती है जिस पर न तो दरबार साहिब ने ऐतराज उठाया और न ही नगर निगम ने अपनी जिम्मेदारी समझी। सोने पर सुहागा ये है कि स्थानीय क्षेत्र के पार्षद द्वारा वहां पर श्रद्धालुओं के बैठने के लिए बैंच भी लगवा दी गयी है लेकिन इस पेशाबघर से आने वाली दुर्गंध से उन्होंने भी अपनी आंखें फेर लीं। गौरतलब है कि इस पर शहर के समाज सेवी सिवेंन्द्र सिंह वालिया की नजर पहुंची तो उनका मन व्यथित हो गया उन्होंने इस बावत प्रधानमंत्री भारत सरकार, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड और स्वयं दरबार साहिब में महन्त जी से मिलकर इस पेशाबघर को हटाने के लिए प्रर्थना पत्र दिया है। बहरहाल ये दायित्व नगर निगम का बनता है कि वो इस पेशाबघर को कवर कब करेगा,करेगा भी कि नहीं ये तो आने वाला समय ही बतायेगा।

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