सीएम धामी के सामने दरगाह प्रमुख के दामाद ओवैसी की पार्टी से लड़ेंगे चुनाव



हर बार चुनावी रंग बदलता रहता है भले ही कहीं मुसलमान न गिने जाते हों लेकिन चुनावी दौर में हर सियासी दल मुस्लिमों के हर तबके को जोड़ने की जद्दोजहद में लग जाता है। भले ही सियासत से दूर रहे हों लेकिन अब दरगाह आला हजरत खानदान से जुड़े लोग चुनावी समर में उतर रहे हैं। ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने दरगाह आला हजरत प्रमुख सुब्हानी मियां के दामाद सय्यद आसिफ मियां को उत्तराखंड की खटीमा विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है। आपको बता दें कि सैय्यद आसिफ मियां ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी के सामने खटीमा विधानसभा सीट से अपना नामांकन किया है। 


गौरतलब है कि आला हजरत दरगाह के प्रमुख सुब्हानी मियां के दामाद सैय्यद आसिफ मियां बरेली में रहते हैं लेकिन उत्तराखंड के खटीमा में भी उनका मकान है। आसिफ मियां आला हजरत उर्स में प्रभारी भी रहते हैं। पर्चा दाखिल करते ही आसिफ मियां चर्चाओं में आ गए। आसिफ मियां का कहना है कि बहुत से लोग दरगाह के नाम को बदनाम कर रहे हैं। मैंने दरगाह के नाम का इस्तेमाल सियासत में कभी नहीं किया। 

 आपको बता दें कि दरगाह आला हजरत खानदान के सदस्य हो या उनसे जुड़े लोग सियासत में अपने दांव पेंच दिखाते रहे हैं। गौरतलब है कि 1975 में दरगाह आला हजरत ने  नसबंदी के खिलाफ आवाज बुलंद हुई थी बाद में दरगाह के सज्जादानशीन मौलाना रेहान रजा खां को कांग्रेस सरकार ने एमएलसी बनाया था। मौलाना तौकीर रजा खां ने सात अक्टूबर 2001 को आईएमसी तैयार का राजनीति की शुरुआत की थी। 2004 में आईएमसी सियासी मैदान में उतर आई और 2009 के लोकसभा चुनाव में आईएमसी ने कांग्रेस का साथ दिया था। 2012 के चुनाव में आईएमसी ने मंडल में प्रत्याशी उतारे थे। 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में आला हजरत खानदान के सदस्य मौलाना मन्नानी मियां ने बरेली सीट से चुनाव लड़ा था। 

2007 में बसपा सरकार के दौरान आला हजरत दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा खां को मदरसा बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया था। उस वक्त उन्हें सरकार ने लाल बत्ती दी थी। 2012 की सपा की सरकार में दरगाह प्रमुख के निजी सचिव रहे आबिद रजा को आयोग का सदस्य बनाया गया था। तौकीर मियां को भी दर्जा राज्य मंत्री बनाया था।

बरेली की शहर विधानसभा सीट से मौलाना तौकीर मियां के ड्राईवर रहे चुके अब खादिम के रूप में लगे रईस मियां और आईएमसी से जुड़े नेता मखदूम बैग ने भी निर्दलीय के रूप में नामांकन किया है।

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