नैनीताल सीट पर निर्णायक साबित होंगे अनुसूचित और अल्पसंख्यक मतदाता
आरक्षित सीट नैनीताल पर वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए सियासी दलों और उम्मीदवारों में होड़ मच गयी है। देखा जाऐ तो पूरे विधानसभा क्षेत्र में तकरीबन 30 हजार अनुसूचित और पांच हजार अल्पसंख्यक मतदाता जिस तरफ रूख कर देंगे उसी उम्मीदवार की जीत में निर्णायक हो सकते हैं। ऐसे मे भाजपा अनुसूचित मतदाताओं को लुभाने की जी तोड़ कोशिश मे लगी है। कांग्रेस का साफ आंकलन है कि पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के प्रभाव और कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक होने की वजह से अनुसूचित वोट कांग्रेस पार्टी की झोली में ही गिरेगा। अल्पसंख्यक वोटों को लेकर भी कांग्रेस बेफिक्र है।
आपको बता दें एक लाख दस हजार मतदाताओं वाली इस नैनीताल सीट पर इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावनाहै। अबकी पिछली बार के चेहरे ही आमने-सामने हैं लेकिन सिर्फ बदला है तो पार्टी सिम्बल। गौरतलब है कि पिछले चुनाव मेें पूरे विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित वर्ग ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया था नतीजा यह रहा कि कांग्रेस इस सीट से चुनाव हार गई थी।
इस बार कांग्रेस उम्मीदवार संजीव आर्य को भरोसा है कि अनुसूचित और अल्पसंख्यक वोट कांग्रेस के पक्ष में आएगा। भाजपा भी अनुसूचित वोट बैंक में सेंधमारी की रणनीति बना रही है। इसीलिए अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य का यहां कार्यक्रम तय किया गया है। प्रदेश अध्यक्ष अंबा आर्य, जिलाध्यक्ष प्रकाश आर्य समेत मोर्चा के अन्य पदाधिकारियों को खास मिशन पर लगाया गया है।
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