चार महीने बाद जेल से रिहा हुआ मंत्री का बेटा आशीष मिश्र



लखीमपुर खीरी के तिकुनिया हिंसा कांड में मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष मिश्र मोनू को आज मंगलवार की शाम चार महीने से भी ज्यादा वक्त के बाद जिला जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया। जेल प्रशासन ने दोपहर में रिहाई के आदेश प्राप्त होने के बाद जमानती कार्यवाही शुरू की जिसके बाद देर शाम आशीष मिश्र (मोनू) को तीन तीन लाख के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। 

कल सोमवार को जिला जेल में आशीष मिश्र की जमानत आदेश के संबंध में जमानतदार दाखिल किए गए थे। इनके सत्यापन रिपोर्ट आज मंगलवार को जिला जज अदालत में प्राप्त होने पर जिला जज मुकेश मिश्रा ने जमानत प्राप्त आशीष मिश्र मोनू की रिहाई आदेश जिला कारागार खीरी को भेज दिया। इसी आदेश के आधार पर आशीष मिश्र को जमानत पर रिहा कर दिया गया।

वहीं आशीष मिश्र मीडिया को चकमा देते हुए जेल के मुख्य द्वार से निकलने के बजाय पिछले द्वार से निकल गया और सफेद कार में अपने घर पहुंच गया। जब वह घर पहुंच गया तब जाकर मीडिया वालों को पता चल सका कि उसकी रिहाई हो चुकी है।

आशीष मिश्र के वकील उसकी रिहाई के लिए जेल पहुंचे थे। सभी कानूनी कार्रवाई के बाद कुछ ही देर में आशीष को रिहा किया गया। उसकी रिहाई को देखते हुए जेल के बाहर बड़ी संख्या में मीडिया का जमावड़ा लगा रहा लेकिन आशीष के चुपचाप घर पहुंच जाने से उन्हें निराशा ही हाथ लगी।

वहीं, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आशीष मिश्र की रिहाई पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। टिकैत ने विधानसभा चुनावों के बीच भाजपा पर निशाना भी साधा है।

उन्होंने कहा कि हिंसा में चार किसान समेत आठ लोगों की मौत हुई थी। लखीमपुर खीरी प्रकरण को पूरे देश ने देखा। इस जघन्य अपराध को करने के बाद भी आशीष मिश्र को तीन महीने के भीतर जमानत मिल गई। टिकैत ने कहा कि हर कोई इसे देख रहा है। वह आज जेल से बाहर निकलेगा और एसकेएम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।

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