तो एक साल में बदल जायेगी सरकारी अस्पतालों की सूरत
देहरादून : ये किसी से भी नहीं छिपा है कि सरकारी स्कूल और सरकारी अस्पताल दोनों के ही हाल बेहाल हैं। जहां सरकारी स्कूल को निजी स्कूलों के बराबर लाने की सरकार की कोशिशें भी नाकाम हो रहीं हैं वहीें सरकारी अस्पतालों का भी ये ही हाल है। कई जगह तो ऐसा भी देखा गया है कि सरकारी अस्पतालों में लाखों रूपये के उपकरण धूल फांक रहे हैं, ऐसे में प्रदेश की स्वास्थ व्यवस्था पर सवालिया निशान तो लगना लाजिमी है।
लेकिन प्रदेश के स्वास्थ मंत्री डा0 धन सिंह रावत ने इस बात पर जोर दिया है कि एक साल में सरकारी अस्पतालों की सूरत बदलेगी लेकिन सवाल अभी भी खड़ा है कि सिर्फ सरकारी अस्पतालों की सूरत बदलेगी लेकिन सीरत कब बदलेगी ? बहरहाल उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ व सुलभ बनाने के लिए छह माह के भीतर जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्स.रे मशीन, पैथोलाजी जांच के साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी।
इसी सिलसिले में स्वास्थ्य मंत्री डा0 धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने उप जिला अस्पतालों व ब्लाक स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्था सुधारने को कहा है। इसी क्रम में 16 व 17 अप्रैल को प्रदेशभर के हेल्थ व वेलनेस सेंटर में योग एवं टेली कंसल्टेशन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य महानिदेशालय के सभागार में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की इस दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारियों को राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में अपेक्षित सुधार लाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जिला व ब्लाक स्तर के अस्पतालों को चरणबद्ध ढंग से और अधिक सुदृढ़ बनाया जाएगा जिसके तहत छह माह के भीतर जिला अस्पतालों और आगामी एक वर्ष के भीतर उप जिला चिकित्सालयों व ब्लाक स्तर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की सूरत बदली जाएगी।
इसके लिए उन्होंने विभागीय अधिकारियों को प्रथम चरण में जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्स.रे मशीन, पैथोलाजी जांच की व्यवस्था करने और महिला व प्रसूति रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, एनेस्थेटिस्ट, दंत चिकित्सक आदि की तैनाती के निर्देश भी दिए।उन्होंने विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि लंबे समय से ड्यूटी से अनुपस्थित चिकित्सकों के खिलाफ एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई की जाए।
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