‘अग्निपथ’ योजना कहीं आरएसएस का छिपा हुआ एजेंडा तो नहीं: कुमारस्वामी



देश भर में अग्निपथ येजना का विरोध बदस्तूर जारी है जो अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। युवाओं को सरकार की अग्निपथ योजना रास नहीं आ रही है जिसको लेकर राजनीतिक पार्टियां भी युवाओं के साथ लगकर अपनी सियासी रोटियां सेंकने में लग गई हैं। ऐसे में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अग्निपथ योजना भारतीय सेना पर नियंत्रण करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक छिपा हुआ एजेंडा है। उन्होंने कहा कि ‘अग्निवीर’ सेना के अंदर और बाहर भी आरएसएस कार्यकर्ता बन जाएंगे और सेवा समाप्त होने के बाद भी एक्टिव रहेंगे। पूर्व सीएम कुमारस्वामी ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि क्या आरएसएस के नेता सेना में भर्ती करेंगे अब जिन 10 लाख लोगों की भर्ती की जाएगी आरएसएस की टीम होगी आरएसएस में कार्यकर्ता होंगे। 

कुमारस्वामी ने आगे कहा कि ये आरएसएस कार्यकर्ताओं को सेना में स्थापित करने का उनका छिपा एजेंडा है।  75 फीसद जिन्हें 4 साल बाद 11 लाख रुपये के साथ बाहर भेजा जाएगा वे पूरे देश में फैलेंगे। कुमारस्वामी ने कहा कि अंदर और बाहर के लोग आरएसएस के होंगे। आरएसएस की मंशा सेना के अधिग्रहण की योजना हो सकती है। इस योजना को आरएसएस का ‘अग्निपथ’ करार देते हुए कुमारस्वामी ने याद दिलाया कि आरएसएस की स्थापना जर्मनी में हिटलर के नाजी शासन के समय की गई थी। शायद वे (आरएसएस) उस नाजी शासन को हमारे देश में लागू करना चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने अग्निपथ या अग्निवीर बनाया है। कुमारस्वामी ने आगे कहा कि 75 साल में पहली बार सरकार के किसी नीतिगत फैसले का बचाव करने के लिए सेना प्रमुखों को मोर्चा संभालाना पड़ रहा है, अग्निपथ योजना पर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री चुप क्यों हैं।

साभार: प्रभासाक्षी समाचार

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