पर्वतारोहण अभियान दल सफलता पूर्वक पहुंचा श्रीकंठ पर्वत
देहरादून : उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) के सहयोग से इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन के नेतृत्व में आयोजित पर्वतारोहण अभियान दल सफलता पूर्वक श्रीकंठ पर्वत पर पहुंच गया। दल में गढ़वाल क्षेत्र के 11 युवक-युवतियां प्रतिभाग कर रहे हैं। प्रतिभागी आरोहण के उपरांत भविष्य में इसी तरह की पीक पर गाइड का कार्य किए जाने हेतु अनुभव प्राप्त कर अपनी आजीविका को सरल बना सकेंगे। पर्वतारोहण के दौरान प्रतिभागियों ने पॉलिथीन के उपयोग से बचने और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।
पर्वतारोहण दल को पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने 07 जून को सुभाष रोड स्थित अपने कैम्प कार्यालय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। दल के सदस्यों ने उत्तरकाशी से 75 किलोमीटर की दूरी वाहन से तय करने के बाद 03 दिन के ट्रेक को पूरा करते हुए श्रीकंठ पर्वत के बेस कैंप पहुंचें। दल में सम्मलित सभी 11 सदस्यों द्वारा सफलता पूर्वक श्रीकंठ पर्वत पर शुक्रवार को प्रातः 06 बजे आरोहण किया गया। यूटीडीबी के 11 सदस्यों के अतिरिक्त भारतीय पर्वतारोहण संघ, नई दिल्ली के संयोजक राजेंद्र नाथ के साथ 02 अन्य हाई एल्टीट्यूट पोर्टस ने भी आरोहण किया। दल में अंजली भंडारी, प्रवीन सिंह रावत, सार्थक कुडियाल, नवीन गुसाई, आशुतोष राणा, विकास सिंह पंवार, सौरभ कुमार, देवाश्वरी बिष्ट, विजय पाल बुटोला, दीपक सिंह, सोबंन्द्र सिंह और पंकज पंवार शामिल हैं।
सफलता पूर्वक श्रीकंठ पर्वत पर पहुंचे पर्वतारोहण अभियान दल के सभी सदस्यों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड में साहसिक खेलों की अपार संभावनाएं हैं। निश्चित रूप से पर्वतारोहण अभियान दल इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले युवाओं को प्रेरित करेगा और प्रदेश के युवा इस क्षेत्र में पर्यटन, रोजगार संबंधी जानकारी प्राप्त करने और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में प्रमुख भूमिका निभा सकेंगे।
सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर ने सभी प्रतिभागी सदस्यों को शुभकामनाएं देते हुए बताया कि यूटीडीबी की ओर से इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन के साथ मिलकर पहली बार पर्वतारोहण अभियान का आयोजन किया गया। इसी साल सितंबर माह में कुमाऊं मंडल के युवक-युवतियों हेतु छोटा कैलाश पर्वत पर पर्वतारोहण अभियान आयोजित किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य पर्वतारोहण क्षेत्र में काम करने वाले युवाओं में अत्यधिक निपुणता लाना और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने के अवसर प्रदान कराना है।
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