महाराष्ट्र सियासत: शिव सेना दो फाड़,भाजपा बनेगी मददगार



मुंबई: महाराष्ट्र का हाई वोज्टेज सियासी ड्रामें का बहुत जल्द ही पटाक्षेप होन वाला है लेकिन सही वक्त का इंतजार है। अब महाराष्ट्र का सियासी ड्रामा आस्तित्व की लड़ाई पर आ टिका है। शिव सेना वो पार्टी थी जिसकी हिन्दुत्व वाली छवि थी। बाला साहेब ठाकरे वाली शिव सेना और उद्धव ठाकरे की शिव सेना में वो रंग नहीं दिखता जो बाला साहब ठाकरे के समय था। बाला साहेब ठाकरे की हनक का कोई जबाव नहीं था। 

अटल जी की सरकार में शिवसेना का सहयोग था लेकिन बाला साहेब के फोन पर मंत्री कुर्सी से उठकर उनके फोन का जबाव देते थे। लेकिन आज जो दुर्गति है उसका जिम्मेदार कौन है जहां अपने आस्तित्व को बचाने के लिए उद्धव ठाकरे को जद्दोजहद करनी पड़ रही है। बहरहाल महाराष्ट्र का सियासी ड्रामा जारी है शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे कैंप में दिन ब दिन  विधायकों की बल संख्या में इजाफा हो रहा है।

 ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के सीनियर लीडर देवेंद्र फडणवीस के आवास पर मौजूदा घटनाक्रम को लेकर पार्टी नेताओं की बैठक हुई। इसे देखकर ये साफ हो जाता है कि भाजपा वेट एण्ड वाच की स्थिति में है लेकिन सही वक्त के इंतजार में है। वैसे सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों की अयोग्यता संबधी कार्रवाई पर 11 जुलाई तक रोक लगा दी है जिसे देखकर लगने लगा है कि भाजपा जल्द ही इस सियासी ड्रामें पर से कुहासे की चादर हटाने वाली है। 

आपको बता दें कि भाजपा नेता मुनगंटीवार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भाजपा कोर कमेटी की बैठक संपन्न हुई बैठक में सूबे के ताजा सियासी घटनाक्रम का आकलन और इस पर चर्चा की गई। वहीं एकनाथ शिंदे का कहना है कि उनका गुट ही असली शिवसेना है इस पर भी चर्चा हुई। अब ये बात साफ है कि भाजपा वर्तमान घटनाक्र को लेकर भविष्य में क्या भूमिका निभानी चाहिए इस पर कार्य कर रही है।

सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया कि फिलहाल हम इंतजार करेंगे और देखेंगे कि क्या हालात बनते  है। ये भी संभावना है कि भाजपा आने वाले दिनों में उपजे हालात के आधार पर कोर टीम एक बार फिर बैठक करेगी फिर भाजपा महाराष्ट्र के हित में और जनता के हित में फैसला ले सकती है । 

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