शोर शराबे की भेंट चढ़ा मानसून सत्र का पहला दिन, कई मुद्दों पर सरकार को विपक्ष ने घेरा



 नयी दिल्ली :  संसद के मानसून सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरुआत हुई तथा कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने महंगाई, दूध और दही सहित कुछ खाद्य पदार्थों पर वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लगाए जाने, अग्निपथ योजना और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया। 

हंगामे की वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही में व्यवधान हुआ। लिहाजा, कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा में कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने सेना में भर्ती की ‘अग्निपथ’ योजना और महंगाई समेत अन्य विषयों को लेकर सदन में हंगामा किया जिस कारण कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। 

एक बार के स्थगन के बाद जब अपराह्न दो बजे निचने सदन की कार्यवाही पुन: आरंभ हुई तो कांग्रेस और कुछ अन्य दलों के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। कुछ सदस्यों ने हाथों में तख्तियां ले रखीं थीं, जिन पर पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम में बढ़ोतरी का उल्लेख था। पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी और टोकाटोकी के बीच ही आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए। इस दौरान कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने ‘कुटुम्ब न्यायालय (संशोधन) विधेयक, 2022’ पेश किया। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी कुछ कहने का प्रयास करते दिखे, हालांकि आसन से उन्हें अनुमति नहीं मिली। 

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